आरक्षण की आग में झुलसने लगे नेता, प्रदेश में पक्ष-विपक्ष दोनों को झेलनी पड़ रही नाराजगी

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भोपाल। संसद में एससी-एसटी एक्ट पारित होने के विरोध में सवर्ण संगठनों का विरोध तेज हो गया है। प्रदेश में विरोध की लपटें ग्वालियर-चंबल संभाग में तेजी से उठ रही हैं। इस बार लोगों के विरोध का शिकार नेताओं को होना पड़ा रहा है। अभी तक केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत, एमजे अकबर, प्रभात झा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रुस्तम सिंह, भागीरथ प्रसाद विरोध झेल चुके हैं।
Leaders who began to sweat in the fire of reservation, both the opposition and the opposition in the state are facing the resentment
सवर्णों की चेतावनी के बाद कई नेताओं के दौरे निरस्त कर दिए हैं। मंत्री लाल सिंह आर्य ने आज ग्वालियर का दौरा निरस्त कर है। मंत्री माया सिंह की ग्वालियर के रानी महल में घेराबंदी की गई। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के ग्वालियर स्थित बंगले के बाहर भी प्रदर्शन किया जाएगा।

आरक्षण कानून के विरोध में ग्वालियर में 4 सितंबर को सवर्णों का स मेलन हो रहा है, जिसमें देशभर से लोग पहुंच रहे हैं। इसका सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार-प्रसार हो रहा है। विरोध करने वालों की ओर से सोशल मीडिया पर संदेश भेजे जा रहे हैं कि कौन नेता कहां पहुंच रहा है। सूचना मिलती ही आरक्षण का विरोध करने वालों की टोली नेता का घेराबं करने पहुंच जाती है।

शनिवार को गुना में केंद्रीय मंत्री थावरचंद्र गहलोत को विरोध का सामना करना पड़ी, इसी तरह विदिशा जिले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर को भी काले झंडे दिखाए गए। पुलिस ने इन्हें पिछले दरबाजे से बाहर निकाला। शुक्रवार को मुरैना में सांसद प्रभात झा को काले झंडे दिखाने एवं चूड़ियां भेंट करने के बाद क्षेत्रीय सांसद अनूप मिश्रा ने मुरैना से दूरी बना ली है। सवर्णों के तेज होते आंदोलन को देखते हुए नेताओं ने ग्वालियर-चंबल के दौरे स्थगित कर दिए हैं।

मंत्रालय से भरी जा रही हवा
आरक्षण का विरोध करने वालों के तार मंत्रालय से भी जुड़े हैं। आरक्षण का समर्थन और विरोध करने वालों को मंत्रालय से निर्देश मिल रहे हैं। 2 अप्रैल के उपद्रव के दौरान भी उपद्रृवियों के तार मंत्रालय से जुड़े थे।