भोपाल। राज्य शासन रेत खनन नीति में आंशिक संशोधन करने जा रही है। इसके तहत अब घर बनाने के लिए लोग 50 क्यूबिक मीटर तक रेत का भंडारण कर सकेंगे। साथ ही रेत का अवैध उत्खनन होता है तो नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतें जि मेदारी होंगी। खनिज विभाग के प्रस्ताव पर आज कैबिनेट में चर्चा होना है। नई रेत नीति के बाद राजस्व में आई कमी और बढ़ते रेत उत्खनन को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है।
Panchayat responsible for grants, illegal mining will be able to store sand, proposal will come today in cabinet
नई नीति के तहत पहली बार रेत का अवैध परिवहन करते वाहनों को राजसात किए जाने को शिथिल करने जा रही है, यह कार्रवाई दूसरे बार में होगी। आज कैबिनेट में 36 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा होगी। नए नियमों में जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यह तय किया जा रहा है कि अब मकान या भवन बनाने के लिए लोग 50 क्यूबिक मीटर रेत का भंडारण कर सकेंगे, इसके लिए उन्हें लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी।
कैबिनेट में सरकारी विभागों में ई-टेंडरिंग के लिए एनआईसी के इलेक्ट्रानिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल सेवा प्रदाता के रूप में उपयोग किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए लाया जाएगा। इसके अलावा करैरा और सोन चिरैया अभयारण्य के आंशिक क्षेत्र का डिनोटिफिकेशन किया जाएगा। इन दोनों अभयारण्य के 748 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में शामिल किया जाए।
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में कार्यरत शिक्षकों और समकक्ष अधिकारियों को यूजीसी द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार सातवां वेतनमान दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन राज्य के बाहर और विदेशों से लाई गई दलहन पर मंडी शुल्क से छूट दिए जाने के संबंध में।