गर्दिश के दिनों में रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज, भाईयों में बढ़ा विवाद, मामला पहुंचा कोर्ट

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नई दिल्ली। कारोबार के मामले में गर्दिश के दिनों में गुजर रहे रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज के पूर्व प्रमोटर और फोर्टिस हॉस्पिटल्स के फाउंडर शिविंदर सिंह ने अपने बड़े भाई मालविंदर सिंह के खिलाफ कोर्ट में मामला दायर किया है। शिविंदर सिंह ने बड़े भाई के साथ ही रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के पूर्व सीईओ एवं एमडी सुनील गोधवानी के खिलाफ भी केस किया है। शिविंदर सिंह ने मालविंदर और गोधवानी पर फैमिली बिजनस को ‘नुकसान पहुंचाने और मिसमैनेजमेंट’ का आरोप लगाया है।
Ranbaxy Laboratories, increased dispute among brothers, court reaching case
परिवार का यह झगड़ा रैनबैक्सी कंपनी को जापान की दाइची सांक्यो को बेचे जाने के बाद से शुरू हुआ था। इस कंपनी को एक दशक पहले 4.6 अरब डॉलर में बेचा गया था। शिविंदर सिंह ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने मालविंदर के खिलाफ नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में केस दर्ज कराया है। मालविंदर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है, ‘मालविंदर सिंह और सुनील गोधवानी ने कंपनियों के हितों को लगातार नजरअंदाज किया।’ इन कंपनियों में आरएचसी होल्डिंग, रेलिगेयर और फोर्टिस हेल्थकेयर शामिल हैं।

‘मुझे और मेरे परिवार को विरासत से दूर रखा गया’
शिविंदर की यह कानूनी कार्रवाई अब कंपनी के मामलों को और जटिल बना सकती है। इस बात की पहले से ही अटकलें लगाई जाती रही हैं कि सिंह ब्रदर्स के बीच गहरे मतभेद हैं। फोर्टिस के पूर्व एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमैन शिविंदर सिंह का कहना है कि जब फोर्टिस ने प्रमोटर्स से जुड़ी तीन कंपनियों अनसिक्योर्ड लोन दिए थे, तब वह अथॉरिटी की पोजिशन में नहीं थे।

इसके जवाब में मालविंदर का कहना है कि सभी फैसले सामूहिक रूप से लिए गए थे। मालविंदर ने इसी साल फरवरी में फोर्टिस के एग्जिक्युटिव वाइस-चेयरमैन के पद से इस्तीफा दिया था। इससे पहले शिविंदर ने गोधवानी पर आरोप लगाया था कि करीब एक दशक तक गोधवानी ने गुप्त रूप से ट्रांजैक्शंस की थीं और 2016 में कंपनी को बड़े कर्ज के साथ छोड़ गए।