भोपाल। कांग्रेस के नए आईटी चीफ अभय तिवारी ने प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रप्रभाष शेखर की सहमति से दो दिन पहले फरमान जारी किया था कि सोशल मीडिया पर 15 हजार लाइक्स और फालोअर्स वालों को ही टिकट दिया जाएगा। पार्टी के इस फरमान का ज्यादातर मौजूदा विधायकों ने तो विरोध किया है, लेकिन कांग्रेस में लाइक्स बढ़ाने का धंधा जरूर शुरू हो गया है।
Congress started functioning in IT, message coming from Noida to increase the likes of claimants
नोयडा की कंपनी द्वारा दावेदारों को एमएसएस भेजे जा रहे हैं कि एक तय राशि देकर महज 7 दिन के भीतर ही लाइक्स एवं फॉलोअर्स बढ़ाएं। इसके पीछे आईटी सेल का बढ़ा खेल सामने आ रहा है। क्योंकि दावेदारों के नामों की सूची प्रदेश कांग्रेस की ओर से ही आईटी कंपनी को मुहैया कराई गई।
नोयडा की जीव्हीए कैंपेनर इंडिया प्रालि के दिनेश शर्मा की ओर से कुछ दावेदारों को मैसेज आया है कि 10 हजार रुपए देकर फेसबुक पेज पर 15 हजार लाइक्स बढ़ाए जा सकते हैं। जबकि 15 हजार में ट्विटर पर 5 हजार लाइक्स 15 दिन में बढ़ाए जाते हैं। कंपनी द्वारा दावेदारों को मैसेज भेजने से दो दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से फरमान जारी किया था कि टिकट के लिए फेसबुक पर 15000 लाइक और ट्विटर पर 5000 फॉलोवर होना अनिवार्य है। यदि संगठन की चली तो फिर पार्टी के मौजूदा विधायकों में 40 टिकट की दौड़ से बाहर हो जाएंगे।
6 महीने लगेंगे सक्रियता बढ़ाने: एक्सपर्ट
जैसे ही कांग्रेस का नया फरमान चर्चा में आया कई संदिग्ध कंपनियों सक्रिय हो गईं। नोएडा की कंपनी जीवीए कैपेंनर इंडिया प्रालि की ओर से दावेदारों को मैसेज भेजना शुरू भी कर दिया। जबकि सोशल मीडिया एक्सपर्ट बताते हैं कि सोशल मीडिया पर अचानक सक्रियता नहीं बढ़ती है। अगर आज शुरू करेंगे तो करीब 6 से 8 महीने तो लगना सामान्य बात है, लोकसभा चुनाव तक भी स भवत: पूरे नही हो पाएंगे
ऐसे समझिए 7.7 करोड़ के धंधे का गणित
प्रदेश कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों के फार्म भी भरवा यिा है। करीब 3000 से ज्यादा दावेदारों ने फार्म भरे हैं। आईटी कंपनियों द्वारा इन्हीं दावेदारों को मैसेज किए जा रहे हैं। एक दावेदार के लिए कुल पैकेज 25000 रुपए हैं। जबकि 3 हजार दोवदार हैं। यदि एक दावेदार से कंपनी 25 हजार रुपए लेती है तो फिर 7,5000000 रुपए का धंधा होता है। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस में यह मंथल चल रहा है कि अखिर नोयडा की कंपनी को दावेदारों के नंबर किसने पहुंचाए।
इससे तकलीफा किसको है। पहले आईटी काम नहीं करती तो सब खुश थे, अब काम कर रही है तो लोगों को तकलीफ हो रही है। यह भाजपा द्वारा मुहित चलाई जा रही है।
शोभा ओझा, अध्यक्ष, मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग
ये सब कोरी बाते हैं, लिखित में कुछ नहीं है। तथ्यात्मक जानकारी के बिना किसी पर कैसे कार्रवाई की जाए। यूं तो मेरे पास 50 आईटी कंपनियां आ चुकी हैं।
चंद्रप्रभाष शेखर, संगठन मंत्री, मप्र कांग्रेस