मोदी के हाई वोल्टेज चुनाव प्रचार से घबराकर केसीआर ने समय से पहले चुनाव का रास्ता चुना!

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हैदराबाद। ऐसे समय पर जब लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने पर बात करना फैशन बन चुका है, टीआरएस के मुखिया और अब तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने विधानसभा भंग कर पहले चुनाव का रास्ता बना दिया है। इससे पहले तेलंगाना में चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होने वाले थे। टीआरएस सूत्रों की मानें तो केसीआर नहीं चाहते कि प्रदेश का जनादेश पीएम नरेंद्र मोदी की छाया तले दब जाए जो अपने हाई-वोल्टेज चुनाव प्रचार के लिए जाने जाते हैं।
Due to Modi’s high voltage election campaign, KCR chose the path of election ahead of time!
टीआरएस के केशव राव कहते हैं, अगर विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो मोदी जी बड़े स्तर पर चुनाव प्रचार करेंगे। हमारी सरकार ने यहां बेहतरीन काम किया है और हम इसे दिखाना चाहते हैं। हम जमीनी स्तर पर लोकप्रिय हैं। हमें फिर से वोट मिलेंगे और हमारा फैसला सर्वे पर आधारित है।

विरोधियों को चकमा देने के लिए पहले चुनाव?
हालांकि बीजेपी को पीएम मोदी के प्रचार से टीआरएस का डरना हास्यास्पद लग रहा है। पार्टी के वरिष्ठ जनरल सेक्रेटरी पी मुरलीधर राव ने कहा, ‘मोदी जी सिर्फ लोकसभा चुनावों में प्रचार नहीं करते बल्कि विधानसभा के लिए भी करते हैं। हाल ही में कर्नाटक में हमने उनका प्रचार देखा था।’ क्या केसीआर अपने विरोधियों को चकमा देने के लिए पहले चुनाव चाहते हैं?

समय पूर्व चुनाव से पार्टी की वापसी नहीं?
केशव राव इससे इनकार करते हैं। वह कहते हैं, ‘अगर हम राज्य में होने वाले चुनाव की तैयारी कर रहे हैं तो महज कुछ महीने पहले चुनाव कराना कैसे मायने रखता है? हम चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’ तेलंगाना में कांग्रेस इनचार्ज आरसी खुंटिया कहते हैं कि हालांकि राजनीतिक आकलन करे तो समय पूर्व चुनाव में कोई पार्टी वापस सत्ता में नहीं आती है।