वॉशिंगटन। चीन के साथ जारी ट्रेड वॉर के परिणामों से बचने से लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शनिवार को दिग्गज स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ऐपल से अपने उत्पादों को चीन के बजाए अमेरिका में बनाने की अपील की है। अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने के उठाए गए कड़े कदमों के तहत ट्रंप पहले भी अमेरिकी कंपनियों को अपना उत्पादन अमेरिका में करने के लिए कहते रहे हैं। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह अपील की है।
US President appeals to Apple, said – Make your product in America instead of China
ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘चीन पर भारी टैरिफ लगाए जा रहे हैं जिससे ऐपल की कीमतें बढ़ सकती हैं- लेकिन एक आसान समाधान है जहां शून्य टैक्स होगा और वास्तव में टैक्स प्रोत्साहन होगा। चीन के बजाय संयुक्त राज्य अमेरिका में अपने उत्पादों को बनाएं। अभी से नए प्लांट्स का निर्माण शुरू करें। उत्साहित!’ लेकिन अमेरिका में महंगी मजदूरी के कारण होने वाले नुकसान को देखते हुए ऐपल, चीन पर लगाए गए टैरिफ से अपने उत्पादन पर पड़ने वाले प्रभाव को अनदेखा कर सकती है।
ट्रंप प्रशासन ने चीनी सामानों पर $ 50 बिलियन के टैरिफ लगाए हैं। साथ अमेरिका में सभी चीनी आयात पर टैक्स लगाने की भी धमकी दी है। अमेरिकी कारोबारी इन टैरिफ्स को लेकर बेहद चिंतित हैं क्योंकि निमार्ताओं के लिए कीमतें बढ़ रही हैं और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने की आशंका हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन को पूरा विश्वास है कि उनकी यह रणनीति काम करेगी।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को चीन के साथ जारी ट्रेड वॉर को और तेज करने के संकेत दिए थे। ट्रंप ने कहा था कि वह चीन से आयात होने वाले तकरीबन सभी सामानों पर शुल्क बढ़ाने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आने वाले दिनों में चीन से आयात होने वाले 267 अरब डॉलर (करीब 19 लाख 25 हजार करोड़ रुपये) के अतिरिक्त सामानों पर भी शुल्क लगाने की धमकी दी थी। वह चीन से आयात होने वाले 200 अरब डॉलर के सामानों पर शुल्क बढ़ाने का पहले ही ऐलान कर चुके हैं।
वहीं चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी थी। चीन अपने यहां काम कर रहीं अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ ऐक्शन ले सकता है। गौरतलब है कि इसी साल जून में दोनों देशों के बीच हुई असफल व्यापार वार्ता के बाद से ही वॉशिंगटन और पेइचिंग में ट्रेड वॉर छिड़ा हुआ है। दोनों देश एक दूसरे के सामानों पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं।