भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को आज संबोधित करेगी पीएम, देंगे जीत का मंत्र

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नई दिल्ली। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से नेताओं और कार्यकर्ताओं को 2019 के आम चुनाव में जीत मंत्र दिया जा सकता है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव भी जल्द होने वाले हैं, ऐसे में पीएम मोदी का समापन भाषण बेहद महत्वपूर्ण होगा। सूत्रों के मुताबिक एससी-एसटी ऐक्ट में संशोधन के बाद सवर्णों की नाराजगी झेल रही बीजेपी को उबारने के लिए मोदी की ओर से समरसता का मंत्र दिया जा सकता है।
PM to address BJP’s national executive meeting today;
खासतौर पर मध्य प्रदेश में सवर्णों की नाराजगी को थामने के लिए बीजेपी की ओर से समरसता का संदेश देकर स्थिति को संभालने की कोशिश की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने विपक्ष की जाति आधारित इलेक्शन की कोशिश की काट के तौर पर एनआरसी को मुद्दा बनाए जाने की रणनीति बनाई है। बता दें कि असम में नैशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजंस के ड्राफ्ट को लेकर राजनीति गरमाई हुई है।

सवर्ण सांसदों को सौंपा लोगों को मनाने का जिम्मा
कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी ने सवर्ण सांसदों से कहा है कि वे लोगों के बीच भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करें और सरकार का पक्ष रखें। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने सांसदों से कहा कि वे लोगों के बीच यह बात रखें कि ऐसा ऐक्ट पहले भी था, बीजेपी ने इसे सिर्फ बहाल किया है।

जाति आधारित चुनाव से यूं बचेगी बीजेपी
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस मुद्दे को हवा देकर चुनाव को राष्ट्रवाद और सांप्रदायिक मुद्दों की ओर मोड़ने का काम करेगी। इससे वह अपने कोर वोटर्स और समर्थकों को तो खुश करेगी ही, दूसरी तरफ विपक्ष की जाति आधारित चुनाव की भी मजबूती से काट करने की उम्मीद है। बता दें कि शनिवार को अमित शाह ने कहा था कि हम एनआरसी को इस तरह से अपडेट करेंगे ताकि कोई भी नया घुसपैठिया भारत में प्रवेश न कर सके।

शाह बोले, हिंदू, बौद्ध और सिख शरणार्थियों को देनी होगी एंट्री
यही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई शरणार्थियों को लेने से भारत इनकार नहीं कर सकता। गौरतलब है कि एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाले विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद से सवर्णों के एक तबके में नाराजगी दिख रही है। 6 सितंबर को सवर्णों के कुछ संगठनों ने भारत बंद का आयोजन किया था, जिसका मध्य प्रदेश में असर देखने को मिली था, जिसे बीजेपी के रणनीतिकार चुनाव के लिहाज से चिंताजनक मान रहे हैं।