भोपाल। देश की संसद में एससी-एसटी संशोधन विधेयक पारित होने का देश भर में विरोध हो रहा है। अब धर्मगुरु और संत भी इसके विरोध में उतर रहे हैं। इसको लेकर भाजपा में गहन चिंतन शुरू हो गया है। चुनाव से पहले भाजपा को डर है कि राममंदिर की तरह संत इसके विरोध में न आ जाएं।
Swami Swaroopanand also opposed the devolution of saints to protest against the SC-ST act, after Devkindhan Thakur
अभी तक एससी-एसटी एक्ट के विरोध में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर खुलकर विरोध में आए थे, मामला ठंडा नहीं हुआ उससे पहले ही जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी मैदान में कूद पड़े हैं। उन्होंने एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को समाज को बांटने वाला बता दिया है। फिलहाल यह विरोध थमता नजर नहीं आ रहा है। 6 सितंबर को भारत बंद के बाद भी सवर्ण संगठन राजनेताओं को काले झंडे दिखा रहे हैं, वहीं विरोध तेज हो रहा है।
स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि देश में सत्तारूढ़ दल भाजपा को सिर्फ वोट की चिंता है । समाज से किसी को कोई मतलब नहीं है। जगतगुरु ने कहा कि यह समाज को बांटने का षड्यंत्र है। इससे पहले विभिन्न संगठनों द्वारा एक्ट के विरोध में 4 सितंबर को ग्वालियर में आमसभा बुलाई गई। जिसमें कथाकार देवकीनंदन ठाकुर ने खुलकर विरोध दर्ज कराया था। ठाकुर ने कहा कि संसद में नेता अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं, इसलिए उन्हें मैदान में उतरना पड़ा है। ठाकुर ने भी इसे देश के लिए खतरा बताया।
प्रभात झा के घर लगाए काले झंडे, अनूप मिश्रा ने किया सत्कार
6 सितंबर के विरोध के बाद भी सवर्ण संगठनों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्वालियर में एक बार फिर नेताओं का विरोध शुरू हो गया है। रविवार को ग्वालियर में सवर्ण संगठनों के लोगों ने राज्यसभा सांसद प्रभात झा के घर काले झंडे लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। वहीं मुरैना सांसद अनूप मिश्रा के ग्वालियर स्थित घर पर जाकर भी लोगों ने विरोध जताया। मिश्रा ने विरोध करने आए सभी लोगों का स्वागत किया। उन्होंने सभी को समोसे खिलाकर विरोध किया। मिश्रा ने विरोध करने आए लोगों से कहा कि वे इस मसले पर पार्टी में अपनी बात रखेंगे। खास बात यह है कि भाजपा नेताओं का सबसे ज्यादा विरोध ग्वालियर में ही हो रहा है।
सूर्यप्रकाश मीणा को दिखाए काले झंडे
मप्र सरकार के मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा को भी विरोध का सामना करना पड़ा है। वे रविवार को अपने चुनाव क्षेत्र नागौर गांव के दौरे पर गए थे, इसी दौरान एससी-एसटी एक्ट के विरोध में लोगों ने उनको काले झंडे दिखाएं। ग्रामीणों ने उनके वाहन का रास्ता रोकने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से मंत्री का काफिला रवाना कर दिया गया।
सबसे ज्यादा सवर्ण नेताओं का विरोध
प्रदेश में एसएसी-एसटी एक्ट के विरोध में सवर्णों ने विरोध शुरू किया है। 6 सितंबर को भारत बंद के बाद भी यह विरोध जारी है। खास बात यह है कि एक्ट के विरोध में सवर्णों द्वारा सबसे ज्यादा भाजपा नेताओं का विरोध किया जा रहा है। जिन नेताओं का विरोध किया गया है, वे भी सवर्ण हैं। इस एक्ट के विरोध में दलित नेताओं का विरोध अभी तक नहीं किया गया है। 3 सितंबर को भिंड सांसद भागीरथ प्रसाद को जरूर सवर्णों के विरोध का सामना करना पड़ा।