उइगर मुस्लिमों में बदलाव लाने चीन लगाएगा ट्रेनिंग कैंप, सिखाएगा चीनी भाषा

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हूतान। चीन में उइगर मुस्लिमों पर पाबंदियों की खबर अक्सर ही आती रहती हैं। अब पश्चिमी चीन में सैकड़ों मुस्लिमों को बदलाव के (ट्रांसफर्मेशन) के नाम पर ट्रेनिंग कैंप लगाया जा रहा है। एक विशाल बिल्डिंग के बाहर लाल बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में चीनी भाषा सीखने, कानून की पढ़ाई करने और जॉब प्रशिक्षण के लिए तैयार होने के निर्देश हैं। कहा जा रहा है कि माओ के शासनकाल के बाद विचार परिवर्तन और चीन की सरकार के प्रति वफादारी के लिए इतना व्यापक अभियान पहली बार हो रहा है।
Chinese camps to teach Chinese people to change Uyghar Muslims, teach Chinese language
बिल्डिंग के अंदर हर रोज घंटों लंबी क्लास होती हैं, जिनमें उइगर मुस्लिम हिस्सा लेते हैं। इन क्लास में वैचारिक समझ बनाने के नाम पर मुस्लिमों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन में गीत गाना, चीन की राजनैतिक विचारधार पर भाषण दिए जाते हैं। मुस्लिमों को अपने ही समुदाय के लिए आलोचनात्मक लेख लिखने के लिए कहा जाता है। इन क्लास से निकले लोगों ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य है किसी भी तरह से इस्लाम के लिए विश्वास को खत्म किया जा सके।

अब्दुसलाम मुहमेत (41) ने बताया, पुलिस ने मुझे उस वक्त हिरासत में लिया था, जब मैं कुरान की कुछ आयतें पढ़ रहा था। मैं एक अंतिम संस्कार में शरीक होकर लौट रहा था और इसलिए मैं कुरान की आयतें दोहरा रहा था। मुझे कैंप में ले जाया गया, जहां मेरे साथ 30 और लोग भी थे। हमसे कहा गया कि हम अपनी पुरानी जिंदगी और मान्यताओं को पूरी तरह से भूल जाएं उन्होंने कहा, ‘यह ट्रेनिंग कैंप ऐसी जगह नहीं है जहां अतिवादी विचारों को खत्म किया जाए, यह कैंप ऐसी जगह थी जहां जबरन अपनी उइगर पहचान को खत्म करना होता है।’

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में चीन में एक के बाद एक कई ऐसे कैंप लगाए गए हैं। इरादतन मुस्लिमों को पुलिस पकड़कर लाती है और इन कैंप में छोड़कर जाती है। बिना किसी आपराधिक रेकॉर्ड के इन्हें लाने और कैंप में रखने के पीछे मुस्लिमों को अपनी धार्मिक मान्यताओं से दूर कर पूरी तरह चीनी राष्ट्रवाद के रंग में रंगना है। कहा जा रहा है कि माओ के शासनकाल के बाद यह विचार परिवर्तन का सबसे बड़ा कैंप है। अतंरराष्ट्रीय समुदाय में चीन के इस कदम की आलोचना भी हो रही है।

चीन में शिनझियांग में एक अनुमान के मुताबिक लगभग 2.3 करोड़ मुस्लिम हैं। पिछले कुछ वर्षों में इन मुसलमानों पर जबरदस्त पाबंदी लगाई गई है। 2014 में एक संघर्ष के बाद चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने उइगर मुसलमानों के खिलाफ बहुत कठोर कदम उठाए। उनके अपराध को चीन में एक तरह से माफ नहीं किया जा सकने वाला मान लिया गया और उन पर राजकीय सख्ती बहुत बढ़ा दी गई।