फिर विवादों में एएमयू विवि: अधीक्षक का फरमान- फे्रशर्स छात्र कमरे से बाहर निकलते समय न पहने शार्ट ड्रेस और कुर्ता पायजामा

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आगरा/अलीगढ़। उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) एक बार अपने एक विवादित आदेश के कारण सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय के एक छात्रावास में वॉर्डन द्वारा नए छात्रों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किए जाने के फैसले पर कुछ छात्र संगठनों ने आपत्ति जताई है। विवाद की वजह विश्वविद्यालय के सर शाह सुलेमान छात्रावास के अधीक्षक का वह आदेश है, जिसमें फ्रेशर्स को कमरे से बाहर निकलने के समय शॉर्ट ड्रेस और कुर्ता पायजामा ना पहनने के लिए कहा गया है।
Then in the disputes AMU University: Superintendent’s Decree- Frethers students wear short dress and kurta pajama while leaving the room
बताया जा रहा है कि छात्रावास के वॉर्डेन द्वारा एक लिखित आदेश में नए विद्यार्थियों के लिए पूरी गाइडलाइन जारी की गई है। इस गाइडलाइन में विद्यार्थियों को हॉस्टल के कमरे से बाहर निकलने की स्थिति में शॉर्ट ड्रेस, बरमूडा, कुर्ता-पायजामा और हवाई चप्पल ना पहनने के निर्देश दिए गए हैं। गाइडलाइन के अनुसार, छात्रावास में रहने वाले सभी छात्रों को कमरे से बाहर निकलने के वक्त शर्ट पैंट, काली शेरवानी और जूते पहनने का निर्देश है, जिसपर विश्वविद्यालय के छात्रों और कई संगठनों ने आपत्ति जताई है।

‘विश्वविद्यालय की परंपरा को देखकर जारी हुआ आदेश’
इस विवाद पर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि छात्रावास द्वारा सिर्फ एक गाइडलाइन जारी की गई है और यह ऐच्छिक है। हालांकि वॉर्डन के हस्ताक्षर के साथ जारी आदेश में इसे अनिवार्य बताया गया है। जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि छात्रावास वॉर्डन द्वारा बनी गाइडलाइन विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति को ध्यान में रखकर जारी की गई है। वहीं कुछ छात्र संगठनों का कहना है कि विश्वविद्यालय का आदेश एक बार फिर यह साबित करने को पर्याप्त है कि अलीगढ़ अब भी जमींदारी की व्यवस्था से आजाद नहीं हो सका है।

बेंगलुरु के मंदिर में भी लगाया गया था ड्रेस कोड
बता दें कि इससे पहले बेंगलुरु के एक मंदिर में दर्शनार्थियों के कपड़ों को लेकर जारी गाइडलाइन पर विवाद खड़ा हुआ था। आरआर नगर स्थित श्री राजाराजेश्वरी मंदिर में महिलाओं को स्लीवलेस टॉप, जींस और मिनी स्कर्ट्स पहनकर आने पर मंदिर में प्रवेश ना दिए जाने की बात कही गई थी। इसके अलावा, आदेश में पुरुषों के लिए भी विशेष ड्रेस कोड का निर्धारण किया गया था।