ठुल्ला शब्द से आहत कॉन्स्टेबल ने केजरीवाल पर किया था मानहानि का केस, कोर्ट ने किया बरी

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नई दिल्ली। अदालत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पुलिस कॉन्स्टेबल की ओर से दायर मानहानि के मामले में बरी कर दिया है। पुलिसकर्मी का कहना था कि साल 2015 में एक प्राइवेट न्यूज चैनल पर दिए गए इंटरव्यू के दौरान सीएम के पुलिस वालों के लिए ठुल्ला शब्द का इस्तेमाल करने से वह व्यक्तिगत रूप से आहत और अपमानित महसूस कर रहा है। अडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट समर विशाल ने केजरीवाल को मामले से बरी करते हुए कहा कि मानहानि की शिकायत दर्ज कराने वाला पुलिसकर्मी इस मामले में पीड़ित व्यक्ति नहीं है।
The constable was hurt by the word ‘Thula’ on Kejriwal’s case of defamation, the court acquitted
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ठुल्ला शब्द का इस्तेमाल पहली नजर में शिकायतकर्ता के लिए अपमान करता नहीं दिख रहा है, इसीलिए उनकी मानहानि की शिकायत सुनवाई के लायक नहीं है। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि इस बात को लेकर कोई विवाद नहीं दिखा कि केजरीवाल ने अपने इंटरव्यू के दौरान पूरी दिल्ली पुलिस का अपमान नहीं किया था। दलीलों के दौरान खुद शिकायतकर्ता ने कहा था कि पुलिस बल की स्ट्रेंथ 80,000 के लगभग है।

अदालत की नजर में इतने बड़े निकाय को एक साथ अपमानित नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता ने व्यक्तिगत रूप से अपमानित किए जाने का दावा किया, जबकि जबकि शिकायत के मुताबिक सीएम के पूरे इंटरव्यू में उनके नाम का जिक्र कहीं पर भी नहीं है। अदालत ने कहा कि कानून के तहत मानहानि की शिकायत सिर्फ पीड़ित व्यक्ति ही दायर कर सकता है।

लाजपत नगर थाने में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल अजय कुमार तनेजा ने सीएम के खिलाफ यह कंप्लेंट दायर की थी। उनका कहना था कि अपने अब तक के 29 साल के करियर में उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ नौकरी की। लेकिन 17 जुलाई 2015 को एक निजी न्यूज चैनल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इंटरव्यू देखकर उन्होंने व्यक्तिगत रूप से बहुत आहत, प्रताड़ित और अपमानित महसूस किया।
उनके मुताबिक इंटरव्यू के दौरान सीएम से एंटी करप्शन ब्रांच पर कंट्रोल के बारे में सवाल किया गया, जिस पर उन्होंने कहा, दिल्ली पुलिस का कोई ठुल्ला रेहड़ी पटरी वालों से पैसा मांगता है, उसके खिलाफ भी केस नहीं हो, ये मंजूर नहीं है।