राजनीतिक विरोध के बीच जम्मू-कश्मीर में टलेंगे पंचायत के चुनाव?

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में 35ए के मुद्दे पर पीडीपी और नैशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद बुधवार को एक बड़ी बैठक होने जा रही है। प्रदेश में प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनाव से पहले श्रीनगर के राजभवन में होने वाली इस बैठक में चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने को लेकर फैसला हो सकता है।
Talega Panchayat elections in Jammu and Kashmir between political protest?
माना जा रहा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार चुनाव को आगामी फरवरी-मार्च महीने में कराने पर सहमति बना सकती है, हालांकि अब तक सरकारी स्तर पर इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है। जानकारी के अनुसार, बुधवार को राजभवन में प्रदेश के राज्य सलाहकार परिषद की बैठक के दौरान पंचायत चुनाव की तारीखों पर निर्णय लिया जा सकता है।

इस बैठक में प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त, मुख्य सचिव समेत राजभवन के वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने की बात कही जा रही है। उच्च स्तरीय सूत्रों के अनुसार बैठक में नवंबर में पंचायत चुनाव की तारीख पर निर्णय लिया जा सकता है और कानून व्यवस्था पर सलाहकारों की परामर्श के आधार पर चुनाव को टालने पर भी फैसला किया जा सकता है।

महबूबा मुफ्ती ने की थी बहिष्कार की घोषणा
बता दें कि सोमवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी की एक बैठक के बाद राज्य के पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। महबूबा की दलील थी कि प्रदेश में अनुच्छेद 35ए को लेकर एक बड़ी अनिश्चितता और डर का माहौल है, ऐसे में अगर इन स्थितियों में सरकार कोई भी चुनाव कराती है तो परिणामों के बाद उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे।

मुख्य सचिव ने कहा, ‘तय समय पर होगा चुनाव’
महबूबा के इस ऐलान से पहले राज्य की प्रमुख पार्टी नैशनल कॉन्फ्रेस के नेता और श्रीनगर के सांसद फारुक अब्दुल्ला ने भी कहा था कि जब तक केंद्र 35ए को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं करता, तब तक उनकी पार्टी पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। इन दोनों ऐलानों के बाद मीडिया से बात करते हुए राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने सोमवार को कहा था जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव तय समय पर ही होंगे और इनका कार्यक्रम अगले एक हफ्ते के भीतर तय कर लिया जाएगा।

बिना हकीकत जाने घोषित करा दिए गए चुनाव: कांग्रेस
प्रदेश में बीते कई दिनों से जारी विरोध के बीच पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी केंद्र की आलोचना की है। कांग्रेस की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार ने बिना जमीनी हालात की हकीकत जाने पंचायत चुनाव की घोषणा की है। मीर ने कहा है कि केंद्र को अपना स्टैंड स्पष्ट करते हुए बताना चाहिए कि क्या वह सच में चुनाव कराना चाहती है या यह सिर्फ एक नाटक जैसा है।