सीमा में पहला हाई टेक सर्विलांस सिस्टम तैयार, अब पाकिस्तान नहीं कर पाएगा घुसपैठ

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नई दिल्ली। पाकिस्तान से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ‘इलेक्ट्रॉनिक दीवार’ खड़ी कर दी है। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो हिस्सों में अपनी तरह का यह पहला हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। इसकी मदद से जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक बैरियर होगा, जिससे सीमा सुरक्षा बल को घुसपैठियों को पहचानने और मुश्किल इलाकों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।
Pakistan’s first hi-tech surveillance system is ready, now Pakistan will not be able to infiltrate
गृह मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को जम्मू में दो पायलट प्रॉजेक्ट्स को लॉन्च करेंगे। एक प्रॉजेक्ट के तहत जम्मू के 5.5 किमी का बॉर्डर कवर होगा। इस प्रणाली को कॉम्प्रिहेन्शिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम नाम दिया गया है। आइए समझते हैं कि यह कैसे काम करता है-

पाकिस्तान की तरफ से अक्सर रात के समय और ऐसे इलाकों से घुसपैठ होती है जहां इलाका समतल नहीं है। अब उकइटर के तहत कई आधुनिक सर्विलांस टेक्नॉलजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें थर्मल इमेजर, इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूडर अलार्म की सुविधा होगी, जिसकी मदद से एक अदृश्य जमीनी बाड़, हवाई निगरानी के लिए एयरशिप, नायाब ग्राउंड सेंसर लगा होगा जो घुसपैठियों की किसी भी हरकत को भांप कर सुरक्षा बलों को सूचित कर देगा।

सुरंग खोदा तो पकड़े जाएंगे घुसपैठिए

  • अब तक घुसपैठिए सुरंग खोद कर भी भारत की सीमा में घुस आते थे, पर अब ऐसा मुमकिन नहीं होगा। सुरंग, रेडार और सोनार सिस्टम्स के जरिए बॉर्डर पर नदी की सीमाओं को सुरक्षित किया जा सकेगा। कमांड और कंट्रोल सिस्टम कुछ इस तरह का होगा जो सभी सर्विलांस डिवाइसेज से डेटा को रियल टाइम में रिसीव करेगा। इसके बाद सुरक्षा बल फौरन कार्रवाई की स्थिति में आ जाएंगे।

    अपनी तरह का पहला प्रयोग

  • – गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भारत में इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम पर आधारित यह वर्चुअल फेंस अपनी तरह का पहला प्रयोग है। अधिकारी ने कहा कि उकइटर को ऐसे इलाकों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है जहां फिजिकल सर्विलांस संभव नहीं है, वह चाहे जमीनी इलाके के कारण हो या नदी वाले बॉर्डर।
  • – तकनीकी सपॉर्ट मिलने से सुरक्षा बलों की ताकत और बढ़ जाएगी। दरअसल मानव संसाधान, हथियारों और हाईटेक सर्विलांस उपकरणों के साथ मिलने से सीमा की सुरक्षा अभेद्य हो जाएगी।

    सुरक्षा का नया नेटवर्क

  • घुसपैठ की पिछली घटनाओं को देखते हुए दो इलाकों को चुना गया है। सोमवार से यहां सुरक्षा का नया नेटवर्क काम करना शुरू कर देगा। अधिकारी ने बताया कि इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूजन डिटेक्टर्स जमीन और नदी के आसपास के क्षेत्रों में एक अदृश्य दीवार का काम करेंगे जबकि सोनार सिस्टम नदी के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को पकड़ लेगा। ऐरोस्टेट टेक्नॉलजी आसमान में किसी भी हरकत पर नजर रखेगी। सुरंग के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए अंडरग्राउंड सेंसर्स लगातार निगरानी करेंगे।