जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा का चौथा चरण शुक्रवार को कोटा क्षेत्र से शुरू होने जा रहा है। यह दौरा काफी अहम है क्योंकि यहां वसुंधरा को किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इस क्षेत्र को हड़ौती के नाम से भी जाना जाता है जो चार जिलों से घिरा है- कोटा, झालावाड़, बूंदी और बारां। इस क्षेत्र में 17 विधानसभा सीटें हैं जिसमें मुख्यंमत्री वसुंधरा का निर्वाचन क्षेत्र झालरापाटन भी शामिल है। उनके बेटे दुष्यन्त सिंह भी झालावाड़-बारां सीट से लोकसभा सासंद हैं।
Fourth phase of Vasundhara’s Gauer Yatra, CM may have to face farmers’ displeasure
वर्तमान विधानसभा में इस क्षेत्र से बीजेपी के पास 16 सीटें हैं जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट को ही रिप्रजेंट कर रही है। कहा जा रहा है कि वसुंधरा अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं करेंगी जहां दो दिन पहले यूनिवर्सिटी चुनाव में बीजेपी का छात्र ईकाई एबीवीपी कांग्रेस की छात्र ईकाई ठरवक के आगे पूरी तरह फेल हो गई। फिलहाल बात करते हैं किसानों की। यह क्षेत्र वसुंधरा के लिए बड़ा दांव साबित हो सकता है जो पिछले कुछ महीनों से किसानों के आक्रोश का गवाह बना हुआ है।
अखिल भारतीय किसान सभा (एकेएस) के जिलाअध्यक्ष दुलीचंद ने बताया कि 2014 से हड़ौती में 70 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। वह कहते हैं, ‘किसान यहां पीड़ित हैं। भारी बारिश से उड़द, तिल्ली और सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। हम पहले से ही लहसुन की खरीद न होने की वजह से दबाव में है जिसका सरकार ने वादा भी किया था।’
लहसुन की बंपर पैदावार बनी मुसीबत
दुलीचंद ने कहा कि किसान मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और लहसुन खरीद व फसल नुकसान के मुआवजे की मांग करते हुए ज्ञापन सौपेंगे। दुलीचंद कहते हैं, ‘इस सीजन में लहसुन की 90 लाख क्विंटल फसल की बंपर पैदावार हुई। सरकार ने 15 लाख क्विंटल की खरीद का लक्ष्य बनाया था लेकिन सिर्फ 7 लाख क्विंटल की खरीद की और 30 जून को अचानक खरीद प्रक्रिया बंद करके किसानों को झटका दे दिया।’
‘ हर आत्महत्या को कर्ज से जोड़ना गलत’
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार दखल नहीं देगी तो इस क्षेत्र को और आत्महत्या का सामना करना पड़ेगा। वहीं कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी ने कहा, ‘किसान की हर आत्महत्या को कर्ज से जोड़ना गलत होगा। कई मामलों में पुलिस की जांच के बाद सामने आया कि आत्महत्या पारिवारिक और व्यक्तिगत कारणों के चलते की गई।’