केन्द्र सरकार ने तीन तलाक के अध्यादेश को दी मंजूरी, शीत सत्र में ही पास कराना होगा बिल

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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल के संसद में अटकने पर इसे लागू कराने के लिए अध्यादेश का रास्ता अपनाया है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई। यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा। इस दौरान सरकार को इसे संसद से पारित कराना होगा सरकार के पास शीत सत्र में ही इस बिल को पास कराना होगा।
The Central Government has to give permission to the three divorces ordinance to be passed in the winter session only.
लोकसभा से पारित होने के बाद यह बिल राज्यसभा में अटक गया था। कांग्रेस ने संसद में कहा था कि इस बिल के कुछ प्रावधानों में बदलाव किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार के इस फैसले पर यूपी में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि महिलाओं की जीत हुई है।

रिजवी ने कहा कि महिलाओं ने कट्टरपंथी तबके से टकराते हुए मामले को समाज में लाने काम किया और सुप्रीम कोर्ट तक गईं। कट्टरपंथी समाज के खिलाफ हिंदू और मुस्लिम समाज समेत सभी लोग पीड़ित महिलाओं के साथ हैं। रिजवी ने कहा कि अब हम परिवार में लड़कियों की हिस्सेदारी के लिए भी आगे लड़ाई लड़ेंगे।

संविधान में है अध्यादेश का जिक्र
उल्लेखनीय है कि संविधान में अध्यादेश का रास्ता बताया गया है। किसी विधेयक को लागू करने कि लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। संविधान के आर्टिकल 123 के जब संसद सत्र नहीं चल रहा हो तो राष्ट्रपति केंद्र के आग्रह पर कोई अध्यादेश जारी कर सकते हैं। अध्यादेश सदन के अगले सत्र की समाप्ति के बाद छह हफ्तों तक जारी रह सकता है। जिस विधेयक पर अध्यादेश लाया जाता है, उसे संसद में अगले सत्र में पारित करवानी ही होता है। ऐसा नहीं होने पर राष्ट्रपति इसे दोबारा भी जारी कर सकते हैं।