इस्वातिनी। एक छोटे से दक्षिण अफ्रीकी देश में गुरुवार को चुनाव होने वाले हैं, लेकिन यह चुनाव बहुत अलग है। स्वाजीलैंड के नाम से जाना जानेवाला यह देश अब इस्वातिनी कहलाता है और यहां इस चुनाव में राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं है। पार्टियां प्रचार के लिए रैली भी नहीं कर सकती हैं।
There is no political party in this country of ‘Indian Parliament’
इस देश में आज भी राजशाही चल रही है और 5,40,000 वोटर राज परिवार के लिए वफादार रहनेवाले कैंडिडेट का ही चुनाव करेंगे। खास बात यह भी है कि राजा मसवाति ककक की 14 पत्नियां और 25 बच्चे हैं। इस राजशाही को दुनिया की बची हुई कुछ राजशाही में गिना जाता है।
चुनाव में उम्मीदवार निजी प्रतिभा के ही आधार पर खड़े हो सकते हैं। 1973 में वर्तमान राजा के पिता ने देश में राजनीतिक पार्टियों को बैन कर दिया था और यह आज भी जारी है। 2005 के संविधान के अनुसार देश में पार्टियों का अस्तित्व नहीं हो सकता है। राजनीतिक पार्टियों के ऊपर लगाए जानेवाले कई आरोपों में से एक है कि पार्टियां रैली में सुधार के नारे लगाती हैं और पार्टी टी-शर्ट पहनकर आती हैं।
इस देश की संसद के लिए भवन निर्माण का काम भारत की तरफ से हो रहा है। यह देश इस लिहाज से भी खास है कि ताईवान के साथ कूटनीतिक संबंधों वाला यह आखिरी देश है। यह अफ्रीका के उन चुनिंदा देशों में भी शामिल है जो सीधे चीन के संपर्क में नहीं है। बता दें कि हाल ही में अपनी मातृभाषा के सही उच्चारण को आधार मानते हुए देश ने फिर से अपना नाम इस्वातिनी किया है।