रिपोर्ट में खुलासा: वर्चस्व की लड़ाई और भुखमरी से हुई गिर में 11 शेरों की मौत

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गांधीनगर। गुजरात में वन विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बात का दावा किया कि दो समूहों के बीच झड़प की वजह से महज आठ दिनों में 11 शेरों और शेरनियों की मौत हो गई। यही नहीं, अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह घटना या तो प्रभुत्व की लड़ाई के कारण हुई है या ये कहीं छिपने की कोशिश कर रहे थे, जिसकी वजह से खाना न मिल पाने के चलते इन्होंने दम तोड़ दिया।
Reports reveal: 11 lions die in battle of domination and starvation due to starvation
बता दें कि 6 शेरों के बच्चों, तीन शेरनियों और दो शेरों के शव गिर डिविजन के दालखनिया वन्य क्षेत्र में 12 सितंबर से 19 सितंबर के बीच मिले थे। गुजरात की फॉरेस्ट फोर्स के प्रमुख जीके सिन्हा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया, ‘पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स में दशार्या गया है कि तीन मामलों में लड़ाई और भुखमरी सामने आई है। एक शेर और दो शेरनियों की मौत फेफड़ों के निष्क्रिय होने के चलते हुई।’

सिन्हा बताते हैं कि हमले के दौरान एक शेर और दो शेरनियां बचने का प्रयास करते हुए छिप रही थीं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक सिन्हा ने कहा, ‘लड़ाई में 11 शेरों की मौत थोड़ा असामान्य है लेकिन प्राथमिक रिपोर्ट्स यह साफ जाहिर करती हैं कि इसका मुख्य कारण चोटिल होना ही है।’

हालांकि, शेरनियों की मौतों से जुड़े मामले में सिन्हा का बयान संदेहास्पद माना जा रहा है। दरअसल, विभाग के ही एक अन्य अधिकारी का कहना है, ‘शेरनियों की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं है और वह एक सुरक्षित दूरी बनाकर रखती हैं।’ उप वन्य संरक्षक, गिर(पूर्वी) पी. पुरुषोत्तम ने बताया था कि प्रशासनिक उद्देश्य से गिर वन को पूर्वी तथा पश्चिमी हिस्सों में बांटा गया है। एक शेरनी का शव बुधवार को अमरेली जिले के राजुला के पास वन से बरामद किया गया तथा तीन अन्य शेर उसी दिन दालखनिया रेंज में मृत पाए गए।