होटल ताजमहल पैलेस जितना खूबसूरत है उतना ही स्वादिष्ट खाना भी है

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SHASHI KUMAR KESWANI

होटल ताज महल पैलेस मुंबई इसकी पहचान देश भर में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाना पहचाना नाम है। होटल ताज की कई विशेषताएं है। जिनको बताने के लिए एक पूरी किताब ही लिखनी पढ़ेगी। पर मैं समय-समय पर इसकी अलग-अलग हिस्सों में जानकारी देता रहूंगा। इस बार सिर्फ एक रेस्टोरेंट की ही जानकारी दूंगा। मुंबई 26/11 का आतंकी हमला झेलने के बाद शामियाना रेस्टोरेंट जिसका इतिहास 40 साल से ज्यादा पुराना है।

हमेशा बदलाव के दौर से गुजरा है। लेकिन सारे बदलाव बेहतरी और खूबसूरती के लिए हुए है। अभी हाल ही में 4 साल पहले इसका पूर्ण रूप से रिनोवेशन हुआ है। बहुत ही शानदार और कम्फरटेबल बैठने की व्यवस्था सीलिंग भी बहुत ही शानदार साथ में रिस्पेशन भी दिखता हुआ। आधुनिक तरह की फ्लोरिंग, पिलर्स पर इटेलियन मार्बल लगा हुआ है तथा पानी का झरना भी अपनी तरफ मोहित करता है। हमेशा भरा रहने वाला शामियाना जिसका खाना भी एकदम लाजवाब है। उसकी मैंने कुछ चीजे चखकर देखी। जिसकी जानकारी आपको दे रहा हूं। पूरी तो नहीं दे पाउंगा धीरे-धीरे जानकारी देता रहूंगा।

छोले कुलचे
आप लोगों ने छोले कुलचे तो देशभर के खाए होंगे, पंजाब में भी खाए होंगे, महाराष्ट में भी खाएं होंगे व अन्य कई प्रदेशों में खाए होंगे और देशभर के अनेक होटलों में खाए होंगे पर यहां के छोले कुलचों का स्वाद बिल्कुल ही अलग था। सबसे बड़ी बात छोले के अंदर सोडा का कोई उपयोग नहीं किया गया था वरना छोले पेट में जाकर फूल जाते है जिसके कारण पेट में भारीपन सा महसूस होता है और मसाले भी बहुत ज्यादा होते है। मसालों का भी उपयोग बहुत अच्छी तरह से किया गया था जिसके कारण छोले मुंह में रखते से ही खुद ही घुल जाते थे। सारे मसालों की महक आती थी पर मसाले का तीखापन महसूस नहीं हो रहा था और न ही भारीपन हो रहा था। और इतने स्वादिष्ट थे कि लग रहा था कि खाते चले जाएं। पेट तो भर गया था पर मन नहीं भरा था। साथ में आए कुलचे भी अलग तरह के थे।

बनावट एक दम ही अलग तरह की थी। भारीपन बिल्कुल नहीं था। स्वाद आमतौर पर ऐसा देशभर में ही नहीं मिलेगा जैसा शामियाना में था। शैफ सचिन पी ने बताया कि मसाले अच्छी क्वालिटी के होते है तथा जो आम लोग ही इस्तेमाल करते है वो ही मसाले है पर इसका उपयोग किस समय कौनसा मसाला डलना है सारी चीजे इस पर ही निर्भर करती है, जिसकी वजह से स्वाद बढ़ जाता है। शैफ की कही बात दिल को बिल्कुल छू गई थी महसूस यही हो रहा था कि जब जिस मसाले की जरूरत हो वो मसाला तभी उपयोग किया गया है। मुझे एक थाली भी खिलाई गई जिसमें इंडिया की तीन सिग्नेचर डिशेस जो है वो खिलाई गई। पहला है राजमा चावल राजमा चावल तो हम हमेशा खाते रहते है पर राजमा की बनावट अलग तरह से थी। स्वाद लाजवाब था। मसालों के साथ जबरदस्त प्रयोग किया गया था जो अपने आप में बिल्कुल अनूठा था। अगर ऐसे राजमा खाने को मिल जाए तो बिना चावल के ही राजमा खाए जा सकते है। जो मैंने महसूस किया उसके लिए शब्दों में बता पाना थोड़ा सा मुश्किल लगता है कुछ चीजें तो महसूस ही की जा सकती है जो मैंने की है।

पंजाबी मटन करी: पंजाबी मटन करी जिसकी ग्रेबी का कलर तो बहुत ही बढ़िया था साथ में मटन की क्वालिटी भी बहुत बढ़िया थी। मटन गला हुआ इतना था जिस तरह से पुरानी फिल्म द मेटनर्स गोल्ड में सोने के पहाड़ टूट कर गिरते ही धीरे-धीरे उसी तरह से मटन भी खुद ही खुद मुंह के अंदर टूट-टूट कर गिर रहा था जिसका स्वाद लेने का मजा कुछ अलग ही आ रहा था। शायद मैंने इतना बढ़िया मटन पहले कभी न खाया हो जिसके कारण मुझे यह लग रहा था कि केवल मटन ही खाना चाहिए बाकि चीजे छोड़ देनी चाहिए इतना शानदार मटन बनाने के लिए बहुत लंबा समय लगता है। जल्दी में पका हुआ मटन इतना स्वाद कभी नहीं दे सकता। बहुत ही संतुलित मात्रा में मसालों का उपयोग किया गया था जिनकी महक मेरे अंदर तक बस गई थी।

चिकन लबबदार: मैंने चिकन लबबदार कई जगह टेस्ट किया है पर मुझको हमेशा चिकन रजाला या कढ़ाई चिकन बेहतर लगता था पर लबबदार इतना बढ़िया शायद मैंने पहले कभी नहीं खाया। जिसके कारण मुझे यह महसूस होने लगा कि आजतक मैं इस चीज को क्यों छोड़ देता था। हल्की सी ग्रेबी के साथ देशी चिकन का स्वाद इतना शानदार था कि पेट भरे होने के बावजूद उसे छोड़ने का मन नहीं हो रहा था। खाने में एकदम हल्कापन था जिसके कारण से भरपेट खाने के बाद भी पेट में भारीपन नहीं था। होटल की खूभी यह है कि क्वांटीटी बहुत ज्यादा देते है वरना होटलों में आजकल खाने के पोर्शन को कम कर दिया गया है। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है जबकि रेट भी सामान्य ही है बहुत ज्यादा नहीं है। बैंगलौर के मुकाबले या मुंबई के अन्य बड़े होटलों के मुकाबले रेट तो कम है साथ ही साथ क्वांटीटी ज्यादा है, जिसके कारण काफी इकॉनामीकल लगता है जब भी मुंबई के कोलाबा स्थित होटल ताजमहल पैलेस में एक बार जरूर जाए।

मीठे में बेकड आलमंड केक: जो आमतौर पर किसी होटलों में नहीं मिलता और एक अलग स्वाद बहुत ही कम मिठास के साथ बना हुआ था जिसका स्वाद अपने आपमें एक अदभुत था वरना मीठे में शक्कर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है उसमें बहुत सी चीजे नेचुरल मिठास वाली से बना हुआ था। जिसे आराम से शुगर पेशेंट भी खा सकते है।

साथ में ही रशियन नटी पेस्ट्री जिसका स्वाद तो अदभुत था ही सही पर साथ ही साथ में उसकी बनावट भी बहुत ही शानदार थी खुबी वहीं मिठास की मात्रा कम होने की वजह से बहुत स्वादिष्ट लग रही थी तथा उसकी बनावट उसका स्पंज अलग नजर आ रहा था और बहुत ही नेचुरल कलर से बनी हुई थी जिसके कारण खाने में अलग ही स्वाद आ रहा था। साथ में फ्रूट भी था कीवी काले अंगूर तथा साथ ही साथ में ताजी चाकलेट बनी हुई ऊपर से रखी हुई जो स्वाद में चार चांद लगा रही थी। आमतौर पर पेस्ट्रियां पूरी तैयार रहती है पर यह पेस्ट्री आधी बाद में तैयार की गई थी ताजी होने के कारण इसका स्वाद सच में अदभुत था। हमने इसका स्वाद ले लिया अब आपकी बारी है एक बार जरूर जाए और इस अदभुत स्वाद का आनंद ले।