NDA में जश्न का माहौल, नीतीश कुमार राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते

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एग्जिट को पोल को झूठा साबित करते हुए, बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने अपनी जीत का परचम लहरा दिया है। एनडीए गठबंधन ने 125 सीटों पर जीत हासिल की है। अब नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालेंगे।

भाजपा को 74 और जदयू को 43 सीटों पर जीत मिली है।
जानिए कब कब बिहार के सीएम बने नीतीश कुमार
बिहार की राजनीति में अपनी एक अलग छवि बनाने वाले नीतीश कुमार सातवीं बार राज्य के सीएम की शपथ लेंगे।
नीतीश कुमार सबसे पहले 3 मार्च 2000 में मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बहुमत न होने के कारण सात दिन बाद उनकी सरकार गिर गई थी।
नीतीश ने 24 नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली।
26 नवंबर 2010 को तीसरी बार वह बिहार के सीएम बने।
22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने।
राजद के साथ गठबंधन में 20 नवंबर 2015 को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने।
राजद से रिश्ता तोड़ने के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद 27 जुलाई 2017 को छठी बार मुख्यमंत्री बने।

आपको बता दें, नीतीश कुमार बिहार चुनाव की कई रैलियों में ये घोषणा कर चुके हैं कि ये उनका आखिरी चुनाव होगा। नीतीश ने बिहार पर लंबे अरसे से राज किया है। इस बार नीतीश कुमार को लालू यादव के बेटे तेजस्वी से कड़ी टक्कर मिली। अब विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश के नाम पर मुहर लगेगी जिसके बाद उनका शपथग्रहण होगा।

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं और तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है। 125 सीटों पर जीत के साथ प्रदेश में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है। चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में लड़ा गया। हालांकि यह अभी पूरी तरह से साफ नहीं है कि मुख्यमंत्री वे ही बनेंगे। क्योंकि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और मांग उठ रही है कि इस बार भाजपा का मुख्यमंत्री हो। गुरुवार दिनभर भी हलचल रहेगी। खबर है कि आज पहले जेडीयू के विधायक दल की बैठक होगी। इसके बाद एनडीए विधायक दल की बैठक होगी। इसी बैठक के बाद नीतीश कुमार राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। इसी के साथ शपथ ग्रहण की तारीख भी सामने आ सकती है। माना जा रहा है कि बैठकों के इस दौर के बाद नीतीश कुमार मीडिया के सामने आ सकते हैं।

7.20AM: लोकजनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे। इन चुनाव में चिराग की पार्टी को केवल एक सीट मिली है। उनकी भूमिका जेडीयू के वोट काटने की कही। चुनाव प्रचार के दौरान चिराग ने नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की थी। देखना यही है कि अब उनकी क्या रिएक्शन आती है।