- ई-पास की सुविधा पर उठ रहे सवाल, नहीं बन पा रहे पास
TIO औरंगाबाद
औरंगाबाद में ट्रेन की चपेट में आए सभी 16 मजदूर मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के रहने वाले हैं। ये लोग रेल पटरी के सहारे जालना से भुसावल जा रहे थे। 40 किमी पैदल चलने के बाद थकान के कारण ये पटरी पर बैठ गए और वहीं सो गए। इन्हें लगा कि अभी ट्रेनें बंद है, लेकिन एक मालगाड़ी ने चपेट में ले लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रु. की सहायता देने का ऐलान किया है।
मरने वाले मजदूरों में उमरिया के भी मजदूर, ये है नाम
औरंगाबाद ट्रेन हादसे में मरने वाले मजदूरों में शहडोल व उमरियां जिले के मजदूर हैं। उमरिया के मजदूरों के नाम पता चल गए हैं –
– धर्मेंद्र सिंह(२०), ब्रिजेंद्र सिंह(२०), निर्बेश सिंह (२०), धन सिंह (२५), प्रदीप सिंह, राज भवन, शिव दयाल, नेमसहाय सिंह, मुनिम सिंह, बुधराज सिंह, अचेलाल, रविंद्र सिंह
सभी मजदूर मध्यप्रदेश के थे और जालना में स्टील कंपनी में काम करते थे। औरंगाबाद से ट्रेन मिलने की उम्मीद में जालना से औरंगाबाद जा रहे थे। घटना पर रेल मंत्रालय ने कहा, ‘आज सुबह कुछ मजदूरों को ट्रैक पर देखकर मालगाड़ी के लोको पायलट ने ट्रेन को रोकने की कोशिश की लेकिन उन्हें परभणी-मनमाड सेक्शन के बदनपुर और कर्माड स्टेशनों के बीच उन्हें टक्कर लग गई। घायलों को औरंगाबाद सिविस अस्पताल ले जाया गया है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं।’
घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने लिखा, ‘महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे में जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं। मैंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह करीब से स्थिति पर नजर रख रहे हैं। आवश्यक हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।’ वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है।
पुलिस अधिकारी संतोष खेतमलास ने बताया, ‘जालना में एक इस्पात फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर गत रात पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर निकल पड़े थे। वे करमाड तक आए और थककर पटरियों पर सो गए।’ उन्होंने बताया कि इस हादसे में 14 मजूदरों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। इस समूह के साथ चल रहे तीन मजदूर जीवित बच गए क्योंकि वे रेल की पटरियों से कुछ दूरी पर सो रहे थे।
दक्षिण मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि यह हादसा औरंगाबाद के कर्माड के पास हुआ है। मालगाड़ी का एक खाली डिब्बा कुछ लोगों के ऊपर चढ़ गया। कोरोना वायरस की वजह से देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घर जा रहे हैं। ऐसे में रात में रुकने के लिए वे रेलवे ट्रैक का सहारा ले रहे हैं।
पिछले दिनों केंद्र सरकार की तरफ से मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने की इजाजत दी गई है। जिसके बाद राज्य सरकारें विशेष ट्रेनों, बसों की व्यवस्था करके उन्हें उनके गृह राज्य वापस भेज रही हैं। रोजगार की चिंता में ये मजदूर पैदल ही अपने गांवों की ओर चले जा रहे हैं। इससे पहले भी रास्ते में हुए हादसे में प्रवासी मजदूर अपनी जान गंवा चुके हैं।
रेल मंत्रालय ने बताया कि घटना बदनापुर और करनाड स्टेशन के बीच की है। यह इलाका रेलवे के परभणी-मनमाड़ सेक्शन में आता है। शुक्रवार तड़के मजदूर रेलवे ट्रैक पर सो रहे थे। मालगाड़ी के ड्राइवर ने उन्हें देख लिया था, बचाने की कोशिश भी की, पर हादसा हो गया। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
ट्रेन पकड़ने की आस में निकले थे मजदूर
मजदूर जालना की एसआरजे स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। औरंगाबाद से गुरुवार को मध्य प्रदेश के कुछ जिलों के लिए ट्रेन रवाना हुई थी। इसी वजह से जालना से ये मजदूर औरंगाबाद के लिए रवाना हुए। रेलवे ट्रैक के बगल में 40 किमी चलने के बाद वे करमाड के करीब थककर पटरी पर ही सो गए। औरंगाबाद ग्रामीण एसपी मोक्षदा पाटिल ने बताया, ‘‘हादसे में 14 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में 2 और ने दम तोड़ दिया। एक की हालत गंभीर है। बचे 4 अन्य लोगों से बातचीत की जा रही है।’’ मजदूर मध्य प्रदेश के शहडोल और उमरिया के बताए जा रहे हैं।
मोदी ने दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। हरसंभव सहायता मुहैया कराई जाएगी।