नई दिल्ली। देश में प्रति व्यक्ति के हिसाब से गोवा सबसे अधिक पेट्रोल और डीजल की खपत करता है। 2017-18 में गोवा में प्रति व्यक्ति पेट्रोल की बिक्री 119.7 किलो है जो प्रति व्यक्ति खपत के राष्ट्रीय औसत (19 किलो) का लगभग छह गुना है। गोवा में प्रति व्यक्ति 225.6 किलो डीजल की बिक्री है, जो 66.9 किलो के राष्ट्रीय औसत का 3.5 गुना है। इसके विपरीत बिहार में रिकॉर्ड सबसे कम पेट्रोल की प्रति व्यक्ति बिक्री 6.7 किलो और डीजल की 22 किलो है। यह बिक्री के राष्ट्रीय औसत का एक तिहाई है।
According to the per capita consumption of diesel and petrol in Goa
इंडियन आॅइल कॉपोर्रेशन के पूर्व मार्केटिंग डायरेक्टर बी.एस. कांत के मुताबिक, इकनॉमिक ऐक्टिविटी, टूरिस्ट्स के आवागमन, राज्यों में अलग-अलग टैक्स के चलते प्रदेशों में प्रति व्यक्ति पेट्रोल-डीजल की खपत में बड़ा अंतर आता है। कांत ने कहा, ‘गोवा की जनसंख्या कम है, लेकिन बड़ी संख्या में टूरिस्ट्स के आवागमन से सड़क पर वाहनों की संख्या अधिक रहती है। इसके चलते गोवा में प्रति व्यक्ति पेट्रोल और डीजल की खपत ज्यादा है।’
टूरिज्म और पावर के लिए डीजल पर निर्भरता के चलते कुछ केंद्र शासित प्रदेशों में भी प्रति व्यक्ति डीजल और पेट्रोल की खपत ज्यादा है। पुडुचेरी, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव में भी राष्ट्रीय औसत के मुकाबले प्रति व्यक्ति खपत ज्यादा है। लोअर इकनॉमिक ऐक्टिविटी और अधिक जनसंख्या होने के बावजूद बिहार ने खुद को फ्यूल कंजम्पशन चार्ट सबसे नीचे रखा है।
कुछ प्रदेशों में जहां फ्यूल पर टैक्स कम है, वहां खपत ज्यादा है क्योंकि ऐसे प्रदेश की सीमा से सटे दूसरे प्रदेशों के एरिया वाले वीकल मालिक भी वहीं से सस्ता फ्यूल लेना पसंद करते हैं। उदाहरण के लिए नोएडा का निवासी अपनी कार का टैंक दिल्ली में फुल कराना चाहता है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में फ्यूल अपेक्षाकृत सस्ता है।
दिल्ली से मुंबई जाने वाला ट्रक ड्राइवर फ्यूल लेने के लिए हरियाणा में रुकना चाहेगा क्योंकि वहां लोअर टैक्स के कारण फ्यूल सस्ता है। इसी के कारण हरियाणा डीजल की प्रति व्यक्ति खपत में 203 किलो के साथ दूसरे नंबर पर है। 32,26,000 लाख मीट्रिक टन पेट्रोल और 86,73,000 लाख मीट्रिक टन डीजल की खपत के साथ महाराष्ट्र कुल खपत में पहले स्थान पर है। पेट्रोल और डीजल की खपत के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है।