नई दिल्ली
मोदी सरकार में योजना आयोग को भंग कर उसकी जगह बनाए गए नीति आयोग 23 मई के बाद बनने वाली नई सरकार के लिए एक्शन प्लान बना रहा है। यह एक्शन प्लान शुरूआती 100 दिनों के लिए होगा। आयोग कृषि, जल संसाधन, पोषण और स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य समस्याओं पर चुनौतियां और उनका हल निकालने को प्लान कर रहा है। बताया जा रहा है कि नीति आयोग इस एक्शन प्लान को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है।
आयोग ने क्षेत्रवार समस्याओं और उनका हल सुझाते हुए एक योजना तैयार की है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि सरकार बनने के बाद नीति आयोग देश के नए प्रधानमंत्री के समक्ष इसका प्रजेंटेशन देगा। सूत्रों की मानें तो उन कार्यों पर अधिक जोर दिया गया है, जिन्हें 100 दिन के भीतर शुरू किया जा सकता है या पूरा किया जा सकता है।
कृषि और पेयजल पर विशेष जोर
योजना को पूरा करने के लिए संबंधित विभागों के लिए अवधि भी निर्धारित कर लक्ष्य तय किए जा रहे हैं। जैसे कि अल्पावधि, मध्यावधि और दीर्घावधि। सूत्रों ने कहा कि 100 दिवसीय एक्शन प्लान में कृषि और पेयजल पर विशेष जोर दिया गया है। खासकर सभी परिवारों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए इसमें रणनीति पेश की गयी है।
पीएमओ के साथ नीति आयोग की बैठक
सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित एक्शन प्लान को लेकर आयोग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों के साथ भी बैठक की है। फिलहाल इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। 23 मई को लोक सभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद जैसे ही केंद्र में नई सरकार का गठन होगा, आयोग के अधिकारी पीएम के समक्ष बैठक में इस योजना का प्रजेंटेशन दे देंगे।
समीक्षा के बाद कई सुझाव किए गए शामिल
भाजपा के दावों की मानें तो मोदी सरकार में 100 से ज्यादा योजनाएं शुरू या उन्नयित की गई हैं। मौजूदा योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों की समीक्षा करने के बाद इस 100 दिन के एक्शन प्लान में सुझाव शामिल किये गए हैं। माना जा रहा है कि आम बजट 2019-20 की घोषणाओं में भी इस एक्शन प्लान का असर दिखेगा। नई सरकार जुलाई में वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश करेगी।