अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द, कोर्ट ने कहा- आंख मारना ईशनिंदा नहीं

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘आंख मारना’ ईशनिंदा नहीं है। मलयालम फिल्म ओरु अदार लव फिल्म की अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर और निर्देशक, निर्माता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी कोर्ट ने रद्द कर दी है। प्राथमिकी में आरोप था कि आंख मारने वाले गाने के विडियो से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुईं हैं।
Actor Priya Prakash Virar’s FIR was canceled, the court said, “blinking is not blasphemy”
सीजेआई दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि जिस मलयालम लोकगीत पर यह गीत आधारित है और जिसे वारियर के साथ फिल्माया गया है, वह लोकगीत वर्ष 1978 से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और इस गीत के विडियो को ईशनिंदा नहीं बताया जा सकता है।

पीठ ने कहा, हम लोग वारियर और अन्य की रिट याचिका को अनुमति देते हैं और तेलंगाना में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हैं। साथ ही यह निर्देश देते हैं कि गाने के फिल्मांकन पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आगे सीआईपीसी की धारा 200 के तहत प्राथमिकी या शिकायत दर्ज की जायेगी।

क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के खिलाफ दर्ज इसी तरह के एक मामले में सुनाए गए फैसले का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि मौजूदा मामले में 18 वर्षीय अभिनेत्री के विरुद्ध आईपीसी की धारा 295 अ के तहत कोई अपराध नहीं बनता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 295 अ, जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण कार्यों, धार्मिक भावनाएं आहत करने और किसी वर्ग द्वारा उनके धर्म या धार्मिक मान्यताओं को अपमानित करने के इरादे से किए गए कार्यों के बारे में है।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले 21 फरवरी को कुछ राज्यों में वारियर के खिलाफ आपराधिक प्रक्रियाओं पर रोक लगा दी थी। कथित रूप से मुस्लिम भावनाएं आहत करने के लिए वारियर की एक फिल्म के गीत को आधार बनाकर उनके खिलाफ ये मामले दर्ज कराए गए थे।