वॉटर बर्थ डिलिवरी करवाने का एक प्रकार है, जैसे सिजेरियन या नार्मल डिलिवरी में होती है। यह भी कहा जा सकता है कि वॉटर बर्थ डिलिवरी नार्मल डिलिवरी की ही लेटेस्ट तकनीक है, जिसमें पानी का इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक इस प्रॉसेस में लेबर पेन कम होता है और बच्चा पैदा करने का प्रॉसेस आसान हो जाता है। पानी के भीतर होने के कारण महिला की बॉडी में एंड्रोफिन हार्मोन ज्यादा मात्रा में रिलीज होता है, जिससे दर्द कम होता है। वह बताते हैं कि अगर गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाए, तो इसमें दर्द इतना कम हो जाता है कि महिला को पेन किलर देने की जरूरत 50 फीसदी कम हो जाती है।
वॉटर बर्थ तकनीक में मां और बच्चे को इन्फेक्शन होने का खतरा 80 फीसदी कम हो जाता है। वह कहते हैं कि इसमें ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे न तो मां को और न ही बच्चे को इन्फेक्शन हो सकता है। यही नहीं, महिला इस दौरान पानी में रहती है, जिससे टेंशन, एंग्जायटी भी नहीं होती और खास बात ये कि बीपी भी कंट्रोल में रहता है।