रामपुर/ बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को कथित गोहत्या के शक में उपजी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की मौत हो गई। इस मामले में अब सियासत भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अगर यह वास्तव में गोकशी का मामला है तो इस बात की जांच होनी चाहिए कि वहां गोश्त (मवेशियों के मांस के टुकड़े) लाया कौन था। आजम ने कहा कि इस इलाके में अल्पसंख्यक आबादी नहीं है।
After the assassination of Espender in Bulandshahr, the political party, Azam Khan said – Who brought the pieces of meat
बता दें कि यहां आसपास के इलाके में मवेशियों के मांस के टुकड़े मिलने से हिंसा उपजी थी। हिंसा के दौरान जवाबी फायरिंग में इंस्पेक्टर के साथ एक स्थानीय युवक सुमित की भी जान चली गई। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक निजी टीवी चैनल से आजम खान ने कहा, ‘इस मामले में जो बात सुनने में आ रही है अगर मैं उसके बारे में बात करूंगा तो माहौल और खराब होगा।’ इस दौरान उन्होंने एसआईटी और सीबीआई पर भी सवाल खड़े कर दिए।
एसआईटी और सीबीआई पर भी आजम ने उठाए सवाल
आजम ने कहा, पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी में मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे। ऐसे में एसआईटी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। पर, एसआईटी के बारे में बहुत कुछ नहीं कह सकते। क्योंकि एसआईटी में भी यही पुलिस होती है। सीबीआई में भी यही होते हैं। अब तो सीबीआई ही निष्पक्ष नहीं है, ऐसा कहा जा रहा है। आजम ने यह भी कहा कि वायरल विडियो के आधार पर शिनाख्त करने वाले और जो जुमले इस्तेमाल हुए हैं, सबकी जांच होनी चाहिए।
‘300 से 500 लोगों ने पुलिस बल पर धावा बोला’
उधर, प्रत्यक्षदर्शी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया है कि करीब 300 से 500 लोगों ने पूरे पुलिस बल पर धावा बोला था। सुरेश कुमार ने बताया, ‘पुलिस को घटना के बारे में जानकारी मिली और घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद हमने मवेशियों के टुकड़े देखे और लोगों को आश्वासन दिया कि इसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जाएगा। वहां काफी उथल-पुथल का माहौल था, हमारे अधिकारी लोगों का बयान ले रहे थे लेकिन वे सभी कुछ और ही कह रहे थे। हमने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन फेल रहे।’