आतंकियों के रिश्तेदारों की रिहाई के बाद हिज्बुल ने 14 लोगों को किया आजाद

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श्रीनगर। आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने शुक्रवार को दो पुलिसकर्मियों, एक एसपीओ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 11 परिजनों को छोड़ दिया। बुधवार से पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा करने का सिलसिला शुरू हुआ था। इसकी शुरूआत हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू के पिता समेत आतंकियों के चार रिश्तेदारों की गिरफ्तारी के बाद हुई थी। कश्मीर के हिंसक अतीत में हिरासत में लेने के बाद ऐसी अदला-बदली शायद ही देखने को मिली हो।
After the release of the relatives of terrorists, Hizbul freed 14 people.
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा आतंकियों के रिश्तेदारों की रिहाई के बाद हिज्बुल ने अगवा किए 14 लोगों को आजाद कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने आतंकियों के जिन दूसरे रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया था, उन्हें भी इसके बदले छोड़ दिया गया।  आतंकियों ने अगवा किए गए सभी 14 लोगों का सोशल मीडिया पर अलग-अलग विडियो पोस्ट किया था, जिसमें वे डीजीपी एसपी वैद से ये अपील करते देखे गए कि आतंकियों के परिजनों को न परेशान किया जाए। अगवा किए गए सब इंस्पेक्टर इरफान गुलजार को विडियो में कहते सुना गया कि या तो हमें सुरक्षा मुहैया कराई जाए या फिर आतंकियों के परिजनों को न पकड़ा जाए।

आतंकियों की यह कार्रवाई उस वक्त हुई है, जबकि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव को लेकर काफी सक्रियता से तैयारी कर रही है। बता दें कि इससे पहले आतंकियों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाते हुए कई जवानों की हत्या कर दी थी।  बताया जा रहा है कि सुरक्षाबल बंधकों को सुरक्षित रूप आतंकवादियों की कैद से छुड़ाने की रणनीति पर काम कर रहे थे, तब सोशल मीडिया पर हिजबुल के आॅपरेशनल कमांडर रियाज नाइकू द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि अब से आतंकवादी ‘आंख के बदले आंख’ की नीति अपनाएंगे। बयान में कहा गया, ह्यपुलिस ने हमें आंख के बदले आंख और कान के बदले कान की नीति का पालन करने के लिए मजबूर किया है।

ये सभी हुए आजाद
बुधवार रात को छापेमारी के बाद हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू के पिता असदुल्लाह नायकू को पुलवामा जिले के अवंतिपोरा के बेगपोरा से गिरफ्तार किया था। वहीं आतंकी लतीफ टाइगर के रिश्तेदार गुलाम हसन और उनके दो भाई जुबैर अहमद और नदीम अहमद की गिरफ्तारी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक सभी चार को शुक्रवार को रिहा कर दिया गया।

आतंकियों द्वारा रिहा किए गए पुलिसकर्मियों में पुलवामा के सब-इंस्पेक्टर इरफान गुलजार, कॉन्स्टेबल शब्बीर अहमद जरगर और एसपीओ जावेद अहमद डार शामिल हैं। इसके अलावा पुलिसकर्मियों के रिहा हुए परिजनों में डीएसपी के भाई गौहर अहमद मलिक के अलावा शोपियां के अदनान अशरफ शाह, एक डीसपी का भतीजा, फैजान बशीर मकरू, जुबैर अहमद भट, गुलाम मोहम्मद डार, और आरिफ हुसैन भी शामिल हैं।

दरअसल, नाइकू के पिता को दो दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नाइकू ने चेतावनी के लहजे में कहा, ह्यपुलिसकर्मियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी नौकरियों को छोड़ दें या खराब से खराब स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें।ह्ण अगवा हुए रिश्तेदारों में पुलिस अधिकारियों के 9 बेटे और दो भाई शामिल थे।

महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान
वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लिखा, ‘आतंकी और फोर्स एक दूसरे के परिवारवालों को प्रताड़ित कर रही हैं। यह निंदनीय है और हमारी स्थिति के स्तर के और नीचे गिरने का प्रतीक है।’ महबूबा ने लिखा कि परिवारों को उस बाद के लिए पीड़ित नहीं होना चाहिए जिनपर उनका नहीं के बराबर नियंत्रण है।