नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार प्रसार जोरों पर है, मगर इसी बीच कांग्रेस से निलंबित वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर का एक बयान पार्टी के लिए फिर से मुसीबत का सबब बन सकता है. दरअसल, गुजरात विधानसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर के पीएम को नीच कहने पर विवाद हुआ था अब कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से सस्पेंड चल रहे मणिशंकर अय्यर ने वीडी सावरकर को टू नेशन थ्योरी की वकालत करने वाला पहला शख्स बताया है.
Aiyar can stand up to party’s trouble: Disputed statement
दिलचस्प बात ये है कि उन्होंने ये बयान लाहौर में दिया है. अब ऐसे कायास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी इस बयान को फिर से चुनावी हथियार बना सकती है और कर्नाटक में उसे जोर-शोर से उठा सकती है. लाहौर में एक कार्यक्रम के दौरान मणिशंकर अय्यर ने कहा कि 1923 में वीडी सावरकर नाम के एक व्यक्ति ने एक शब्द इजाद किया जो किसी भी धार्मिक किताब में नहीं था- ‘हिंदुत्व’. जो लोग आज सत्ता में हैं, टू नेशन थ्योरी की वकालत करने वाला पहला व्यक्ति उनका वैचारिक गुरु है.
गुजरात चुनाव के समय मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि ‘अंबेडकर जी की सबसे बड़ी ख्वाहिश को साकार किया जवाहर लाल नेहरू ने. इस परिवार के बारे में ऐसी गंदी बात कहीं, जबकि अंबेडकर जी की याद में एक इमातर का उद्घाटन हो रहा है यहां. मुझे लगता है ये आदमी बहुत ‘नीच’ किस्म का है. इसमें कोई सभ्यता नहीं है. ऐसे मौके पर ऐसी गंदी राजनीति की क्या आवश्?यकता है.’
वहीं इसी साल फरवरी में मणिशंकर अय्यर ने भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों के समाधान के लिए निर्बाध बातचीत की पैरवी की थी. अय्यर पाकिस्तान कराची साहित्य महोत्सव में भाग लेने पहुंचे थे. इस महोत्सव के दौरान अय्यर ने कहा, भारत-पाकिस्तान मुद्दों को हल करने के लिए एक ही रास्ता है और यह रास्ता निर्बाध बातचीत का है.
अय्यर ने बातचीत के जरिए मुद्दों को हल करने की कोशिश के लिए पाकिस्तान की सराहना की और कहा कि नयी दिल्ली के पास यह नीति नहीं है. इसके साथ ही मणिशंकर अय्यर ने कहा कि वह पाकिस्तान को इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि वह भारत को प्यार करते हैं. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद द्विपक्षीय मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत का रास्ता स्वीकार किया है जबकि नई दिल्ली ने नहीं किया.?