हमलों का दौर जारी: शाह कर्नाटक में बोले- लिंगायत को नहीं बटने देंगे

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कर्नाटक। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप और हमला करने का दौर जारी है। अमित शाह ने मंगलवार को लिंगायत और वीरशैव लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देने के कदम को हिंदुओं को बांटने वाला बाताया।

उन्होंने कहा कि बीजेपी लिंगायतों को बंटने नहीं देगी और इस मामले में राज्य सरकार की सिफारिशों को केन्द्र सरकार नहीं मानेगी। शाह पहले भीलिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देने का विरोध करते रहे हैं। शाह ने सिद्धारमैया पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो लिंगायतों से प्रेम नहीं करते बल्कि उनका मकसद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकना है।

दरअसल कर्नाटक कैबिनेट ने 19 मार्च को लिंगायत और वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने नागमोहन समिति की सिफारिशों को स्टेट माइनरिटी कमीशन ऐक्ट की धारा 2 डी के तहत मंजूरी दी है। कांग्रेस ने लिंगायत धर्म को अलग धर्म का दर्जा देने का समर्थन किया है, वहीं बीजेपी अब तक लिंगायत को हिंदू धर्म का ही हिस्सा मानती रही है।

ऐसा माना जा रहा है कि सीएम सिद्धारमैया का यह फैसला कर्नाटक के चुनावी समर के लिए मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। बीजेपी लगातार यह आरोप लगाती रही है कि कर्नाटक में वोटों के समीकरण की वजह से यह फैसला लिया है। बता दें कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होने हैं जबकि 15 को गिनती होनी है।