भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सन्नाटा, टिकट की कवायद का केन्द्र बना अमित शाह का बंगला

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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक के बाद प्रदेश कार्यालय में सन्नाटा पसर गया है। वहीं विधानसभा चुनाव के लिए टिकट की कवायद का केंद्र मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का दिल्ली स्थित बंगला बन गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत और प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने दिनभर बैठकर टिकटों के समीकरणों पर चर्चा की। बैठक में अगड़े-पिछड़े, युवा-महिलाएं, जातिगत संतुलन जैसे मुद्दों पर सभी सीटों से चेहरों की खोज की।
Amit Shah’s bungalow in the BJP state office, silent, ticket drill
पार्टी नेताओं ने सर्वे और संघ के फीडबैक के आधार पर राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कराए अध्ययन की रिपोर्ट का मिलान कर एक-एक सीट पर चर्चा की। मौजूदा विधायकों में जिनके नाम सभी सर्वे में योग्य श्रेणी में पाए गए हैं, उनका सिंगल नाम रखा गया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दिनभर चली माथापच्ची के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रात्रि में सभी नेताओं के साथ एक बार फिर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि वे पार्टी की गाइडलाइन से नेताओं को अवगत करा सकते हैं। इसमें ब्राह्मण-वैश्य और ठाकुर वर्ग सहित यादव, कुरमी, लोधी, पंवार, दांगी, पासी, सेन, कुम्हार, कलार जैसी हर जाति को प्रतिनिधित्व दिए जाने का निर्देश हाईकमान ने दिया है।

साथ में युवा और महिलाओं का औसत भी इन्हीं के बीच बनाना है। यह लिस्ट केंद्रीय चुनाव समिति को भेजी जाएगी। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक एक नवंबर को बुलाई गई है। पार्टी नेताओं द्वारा संभावना जताई जा रही है कि 1 नवंबर या 2 नवंबर को भाजपा की पहली सूची जारी हो सकती है। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पार्टी द्वारा 4 नवंबर तक सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों के टिकट घोषित कर दिए जाएंगे।

पवैया की सिफारिश
सूत्रों के मुताबिक सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर उच्च शिक्षा मंत्री जयभानसिंह पवैया के टिकट पर संकट मंडरा रहा है। इसे देखते हुए संघ की ओर से टिकट दिए जाने की सिफारिश की गई है। संघ के कार्यकारी मंडल और प्रचारकों की बैठक पिछले तीन दिन से मुम्बई में चल रही थी, जो मंगलवार को खत्म हुई है। सूत्रों का कहना है कि मप्र के पूर्व क्षेत्र प्रचारक अरुण जैन से भी बुधवार को टिकट पर एकबार फिर राय ली जाएगी।

शाह तय करेंगे गाइडलाइन
कुछ चुनिंदा सीटों पर जहां उम्रदराज नेता या सांसद या दूसरे दलों से आए नेताओं को अथवा नेतापुत्रों को टिकट देना है, सिर्फ उन सीटों पर टिकट की गाइडलाइन शाह फाइनल करेंगे। इसी तरह 5000 से कम वोटों से जीते विधायक, 25000 या इससे अधिक वोटों से हारे प्रत्याशियों के बारे में भी हाईकमान निर्णय लेगा।