TIO उज्जैन
उज्जैन में शुक्रवार को एक और कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आया है। कंटेनमेंट एरिया कमरी मार्ग निवासी महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। महिला में लक्षण दिखाई दिए थे। इसके बाद उसे होम क्वारंटाइन किया गया था। जिले में अब तक 28 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से छह की मौत हो चुकी है, वहीं चार ठीक भी हुए हैं। इधर इंदौर खजराना क्षेत्र के थाना प्रभारी को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद अब सन्नाटा पसरा है।
कोरोना संक्रमण के चलते पिछले एक हफ्ते में ही प्रदेश के 9 और जिले रेड जोन में आ गए हैं। 7 अप्रैल तक सिर्फ तीन जिले इंदौर, भोपाल और मुरैना रेड जोन में थे, लेकिन बुधवार तक इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। रेड जोन में उन जिलों को शामिल किया गया है, जिनमें कोरोना के 10 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इस अवधि में कुल 17,650 सैम्पल लिए गए हैं, जिनमें 13,492 सैम्पल की रिपोर्ट अब तक आई है। इनमें से 1341 पॉजिटिव पाए गए हैं।
लगातार फैल रहा संक्रमण
फिलहाल आंकड़ा बढ़ रहा है, जिसके कारण मप्र कोरोना संक्रमण के मामले में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है, जबकि एक सप्ताह पहले यह 9वें नंबर पर था। उस समय प्रदेश में सिर्फ 229 कोरोना के मरीज थे, 15 लोगों की संक्रमण से मौत हुई थी। गुरुवार तक मरीजों की संख्या बढ़कर 1341 हो गई है। 55 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि 64 लोग संक्रमण को परास्त कर सकुशल घर लौटे भी हैं। राहत की बात यह भी है कि प्रदेश के आधे जिले फिलहाल ग्रीन जोन में है, यानी वहां पिछले सात दिनों में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
यह पूरी तरह प्रतिबंध
हवाई, रेल, रोड से आवागमन, शैक्षणिक संस्थाएं, औद्योगिक, व्यापारिक, होटल (जिन्हें अनुमति दी गई हो, उनके अलावा), सिनेमा हॉल, मॉल, शॉपिंग काम्पलेक्स, धार्मिक स्थल, धार्मिक सभाएं, टैक्सी, ऑटो, रिक्शा सेवाएं बंद रहेगी। अंतिम यात्रा में 20 से अधिक के जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
बैंकों में होगा काम, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां, किराना दुकानेंं खुलेंगी
- बैंकों की गतिविधियाँ, वृद्धाश्रम, सामाजिक पेंशन योजनाओं की राशि का वितरण, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां संचालन, पेट्रोल-गैस परिवहन, बिजली उत्पादन, डाक वितरण सेवाएं, पोस्ट ऑफिस, जल आपूर्ति व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, अपशिष्ट प्रबंधन, टेलीकम्युनिकेशन एवं इंटरनेट सेवाएं।
- माल वाहक वाहनों का संचालन, मरम्मत की दुकानें, ढाबे, किराना दुकानें एवं उचित मूल्य दुकानें , प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया, आईटी सेवाएं (50 प्रतिशत), कूरियर सेवाएं, इलेक्ट्रिशियन मोटर मेकेनिक, प्लंबर, आईटी मरम्मत, कारपेंटर।
- कृषि एवं संबंधित गतिविधियां, ग्रामीण अर्थव्यवस्था संबंधी कार्य, मजदूरों की दैनिक आमदनी की गतिविधियां, आवश्यक सेवाओं की चयनित औद्योगिक गतिविधियां, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स आदि। स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं, दवा निर्माण इकाइयां, चिकित्सा उपकरण संबंधी इकाइयां।
- औद्योगिक क्षेत्र गतिविधियां, एसईजेड, निर्यात उन्मुख उद्योग, आवश्यक वस्तुएं, दवाओं के उद्योग, निरंतर चलने वाले उद्योग, आई.टी. हार्डवेयर, कोयला उत्पाद, मिनरल प्रोडक्टस, पैकेजिंग मटेरियल, जूट इंडस्ट्री, ऑइल, गैस इंडस्ट्री।
पांच से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं होंगे
सभी मास्क पहनना जरूरी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, पांच से ज्यादा लोग एक स्थान पर एकत्रित ना होना, सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकना, शराब, गुटका, तंबाकू पर सख्त प्रतिबंध, कार्य स्थल पर टेंप्रेचर स्क्रीनिंग, सेनिटाइजेशन, वृद्ध, कमजोर, मरीज, बच्चे घर पर ही रहेंगे।
रेड एरिया- जहां 10 से ज्यादा केस
7 अप्रैल को भोपाल-इंदौर और मुरैना ही रेड एरिया में थे। अब 15 अप्रैल को यह संख्या बढ़ गई। भोपाल, इंदौर, मुरैना के साथ उज्जैन, खरगौन, जबलपुर, बड़वानी, विदिशा, होशंगाबाद, खंडवा, देवास और रतलाम शामिल हो गए हैं।
ऑरेंज एरिया- जहां 10 से कम केस
ग्वालियर, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, बैतूल, श्योपुर, रायसेन, धार, सागर, शाजापुर, मंदसौर, सतना, टीकमगढ़, आगर मालवा और अलीराजपुर।
ग्रीन एरिया-सात दिन से कोई केस नहीं
अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सीधी, सिंगरौली, रीवा, बालाघाट, डिंडोरी, मंडला, सिवनी, नरसिंहपुर, कटनी, निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, दमोह, हरदा, राजगढ़, सीहोर, बुरहानपुर, झाबुआ, नीमच, दतिया, अशोक नगर, गुना व भिंड।
बैंकों में होगा काम, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां, किराना दुकानेंं खुलेंगी
- बैंकों की गतिविधियाँ, वृद्धाश्रम, सामाजिक पेंशन योजनाओं की राशि का वितरण, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसियां संचालन, पेट्रोल-गैस परिवहन, बिजली उत्पादन, डाक वितरण सेवाएं, पोस्ट ऑफिस, जल आपूर्ति व्यवस्था, सफाई व्यवस्था, अपशिष्ट प्रबंधन, टेलीकम्युनिकेशन एवं इंटरनेट सेवाएं।
- माल वाहक वाहनों का संचालन, मरम्मत की दुकानें, ढाबे, किराना दुकानें एवं उचित मूल्य दुकानें , प्रिंट व इलैक्ट्रोनिक मीडिया, आईटी सेवाएं (50 प्रतिशत), कूरियर सेवाएं, इलेक्ट्रिशियन मोटर मेकेनिक, प्लंबर, आईटी मरम्मत, कारपेंटर।
- कृषि एवं संबंधित गतिविधियां, ग्रामीण अर्थव्यवस्था संबंधी कार्य, मजदूरों की दैनिक आमदनी की गतिविधियां, आवश्यक सेवाओं की चयनित औद्योगिक गतिविधियां, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स आदि। स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं, दवा निर्माण इकाइयां, चिकित्सा उपकरण संबंधी इकाइयां।
- औद्योगिक क्षेत्र गतिविधियां एसईजेड, निर्यात उन्मुख उद्योग, आवश्यक वस्तुएं, दवाओं के उद्योग, निरंतर चलने वाले उद्योग, आई.टी. हार्डवेयर, कोयला उत्पाद, मिनरल प्रोडक्टस, पैकेजिंग मटेरियल, जूट इंडस्ट्री, ऑइल, गैस इंडस्ट्री।
पांच से ज्यादा लोग एकत्रित नहीं होंगे
सभी मास्क पहनना जरूरी, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, पांच से ज्यादा लोग एक स्थान पर एकत्रित ना होना, सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकना, शराब, गुटका, तंबाकू पर सख्त प्रतिबंध, कार्य स्थल पर टेंप्रेचर स्क्रीनिंग, सेनिटाइजेशन, वृद्ध, कमजोर, मरीज, बच्चे घर पर ही रहेंगे।
बीते तीन दिन में प्रदेश में जिस तरह से संक्रमित मरीजों की संख्या बड़ी है वो हैरान करने वाली है। संक्रमित मरीजों की संख्या 1341 पर पहुंच गई है और 55 लोगों की मौत हो गई है। इसका एक कारण ये भी है कि सैंपल लेने और जांच का दायरा बड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के संशाधन बढ़ने के बाद इस काम मे तेजी आई है। एक दो दिन में 6 हजार सैंपल की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। इसमें 3500 भोपाल, 1500 भोपाल एक हजार प्रदेश के अन्य जिलों के हैं। सैंपल की जांच दिल्ली सहित प्रदेश में 9 स्थानों पर की जा रही है। इधर, आईआईएम इंदौर रिसर्च में सामने आया है कि अगर कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या इसी तरह बढ़ती गई तो मई अंत तक ये आंकड़ा 50 हजार तक पहुंच सकता है।
आइआइएम इंदौर के प्रोफेसर सायंतन बैनर्जी के साथ अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रो. वीरा, प्रो. रूपम भट्टाचार्य, प्रो. सारिक मोहम्मद और प्रो. उपाली नंदा ने यह शोध किया है। भारत और अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के पांच प्रोफेसर साथ मिलकर मार्च से कोविड-19 संक्रमण के मामलों का अध्ययन और आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं। बायो स्टेटिक्स के विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमितों को यदि उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है तो मई अंत तक प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 50 हजार के पार पहुंच जाएगी। उनका ये भी कहना है कि प्रशासन यदि सख्ती से काम करता है तो ये संख्या 2 से 3 हजार के बीच रहेगी। आइआइएम इंदौर के प्रो. सायंतन बैनर्जी कहते हैं कि लॉकडाउन संक्रमण से निपटने का कारगर तरीका नहीं है। अगर इसी रफ्तार से मामले बढ़ते रहे तो मप्र में अप्रैल अंत तक ढाई हजार मामले होंगे और मई खत्म होने तक यह संख्या 50 हजार के पार तक पहुंच जाएगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि सरकार को चाहिए की जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच की जाए। इससे संक्रमित मरीजों की पहचान समय से हो सकेगी और संक्रमण को रोका जा सकेगा
पांच कदम जरूरी
- संपर्कों की पहचान
- नमूनों का शीघ्र परीक्षण
- कोरोना पॉजिटिव का आइसोलेशन
- अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाओं को जुटाना
- शारीरिक दूरी और मूलभूत स्वच्छता
लगातार बढ़ रहा संक्रमण
- फिलहाल आंकड़ा बढ़ रहा है, जिसके कारण मप्र कोरोना संक्रमण के मामले में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है, जबकि एक सप्ताह पहले यह 9वें नंबर पर था। उस समय प्रदेश में सिर्फ 229 कोरोना के मरीज थे, 15 लोगों की संक्रमण से मौत हुई थी। गुरुवार तक मरीजों की संख्या बढ़कर 1341 हो गई है। 55 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि 64 लोग संक्रमण को परास्त कर सकुशल घर लौटे भी हैं। राहत की बात यह भी है कि प्रदेश के आधे जिले फिलहाल ग्रीन जोन में है, यानी वहां पिछले सात दिनों में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है।
- पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भोपाल को देश के रेड जोन में रखा है। यहां अब तक पॉजिटिव मरीजों की संख्या 196 हो गई है। हालांकि जिला प्रशासन 177 पाजिटिव होने का दावा कर रहा है। उधर शहर में 119 रेड जोन यानी कंटेनमेंट एरिया घोषित किए हैं। ये कंटेनमेंट एरिया 26 थाना क्षेत्रों में आते हैं। अब तक छह मौत हो चुकी हैं, इनमें से 5 मृतक जहांगीराबाद इलाके के रहने वाले हैं। जबकि एक मौत इब्राहिमगंज में रहने वाले एक मरीज की हुई है। सरकार द्वारा किराना दुकानों को छूट की घोषणा के बाद जरुरत का सामान लोगों को मिलने लगा है। सब्जियां भी कॉलोनियों में पहुंचने लगी हैं। इससे लोगों की परेशानियां कम हुई हैं।
- कोरोना संक्रमण के चलते पिछले एक हफ्ते में ही प्रदेश के 9 और जिले रेड जोन में आ गए हैं। 7 अप्रैल तक सिर्फ तीन जिले इंदौर, भोपाल और मुरैना रेड जोन में थे, लेकिन बुधवार तक इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। रेड जोन में उन जिलों को शामिल किया गया है, जिनमें कोरोना के 10 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इस अवधि में कुल 17,650 सैम्पल लिए गए हैं, जिनमें 13,492 सैम्पल की रिपोर्ट अब तक आई है। इनमें से 1341 पॉजिटिव पाए गए हैं।
भोपाल में सैंपल रखने अस्पतालों में जगह नहीं
- जीएमसी की 27 टीमें गुरुवार को सैंपलिंग के लिए निकलीं। जहांगीराबाद, जिंसी समेत अन्य इलाकों से 730 सैंपल कलेक्ट किए। शाम 4 बजे ये टीमें जीएमसी पहुंची तो माइक्राेबायाेलाॅजी विभाग ने 200 सैंपल ही जमा किए। बाकी सैंपल लेने से मना कर दिया। कहा- लैब फुल हो गई है। आखिर, कलेक्टर तरुण पिथोड़े के दखल के बाद रात 8 बजे टीमें जेपी अस्पताल गईं और 530 सैंपल जमा कराए। जेपी की लैब में पूरे शहर से कलेक्ट हाेने वाले सैंपल जमा किए जा रहे हैं। जबकि, यहां सीमित स्टाफ और सीमित संसाधन हैं। ऐसे में यहां सैंपल कलेक्ट करने में समय तो लगता है, बल्कि जांच के लिए सैंपल भेजने में भी 24 से 48 घंटे का समय लगता है। बुधवार तक सभी टीमों द्वारा लिए जाने वाले सैंपल जेपी अस्पताल में ही कलेक्ट हाे रहे थे। गुरुवार से ही नई व्यवस्था लागू की थी कि जीएमसी की टीमें जो सैंपल लाएंगी, वो यहीं जमा किए जाएं। जीएमसी की ही बायरोलॉजी लैब में इनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन पहले दिन ही व्यवस्था फेल हो गई।
- जेपी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाले डॉक्टर, नर्स और वार्ड ब्वॉय समेत 70 लोगों के सैंपल गुरुवार को लिए गए। साथ ही इन्हें 5 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन किया गया है। दरअसल, 13 अप्रैल को मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी उसके संपर्क में आए स्टाफ के सैंपल नहीं लिए गए थे। ये लोग अस्पताल में ड्यूटी भी कर रहे थे।
10 पॉजिटिव, 700 होम क्वारेंटाइन
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ऐशबाग क्षेत्र को भी हॉटस्पॉट जोन बनाया गया है। यहां लोग महामारी से किस तरह संक्रमित हुए, उनकी ट्रैवल हिस्ट्री में यह बात साफ नहीं हो सकी है। इस सबके बाद भी लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं भी रखा जा रहा है।
वहीं, पुष्पानगर, बाग फरहत अफजा, बाग उमरावदूल्हा के जिस एरिया को कंटेनमेंट घोषित किया गया है, उसमें भी चहलकदमी जारी है। यहां पुलिस की समझाइश का भी लोगों पर असर कम ही हो रहा है। लोग गलियों से निकलकर रास्ता बना रहे हैं। बैरिकेडिंग को क्रॉस करने में परहेज नहीं है। चिंता इस बात की है कि कुछ लोगों की यह असावधानी पूरे क्षेत्र में कहर बनकर न टूट पड़े, क्योंकि लोग घरों के बाहर बिना मास्क के निकल रहे हैं। हालांकि, कई लोगों ने अपने घरों के सामने के रास्ते खुद ही बंद कर रखे हैं। यह घनी आबादी वाला इलाका है। यहां मजदूर वर्ग बड़ी संख्या में रहता है। इस इलाके में अभी तक 10 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। 700 से ज्यादा लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया है।
कंटेंनमेंट एरिया में इस तरह बरती जा रही लापरवाही...
पुष्पानगर में 80 फिट रोड पर पेट्रोल पंप की ओर से प्रवेश करने करने वाले रास्ते पर की गई बैरिकेडिंग को फांदने में भी लोग परहेज नहीं कर रहे हैं। एक बाइक सवार आया। बाइक खड़ी की और बैरिकेड के ऊपर से छलांग लगाकर 80 फीट रोड पर आ गया। इसी बैरिकेड को खोलकर नगर निगम लिखे चार पहिया वाहन सवार ने अपना वाहन बाहर निकाल लिया। इसी क्षेत्र के एक अन्य रास्ते से भी लोग बैरिकेड के बीच से निकलते रहे।
प्रदेश के किस जिले में कितने मरीज
इंदौर 842, भोपाल 196, जबलपुर 13, ग्वालियर 6, शिवपुरी 2, उज्जैन 30, खरगोन 39, मुरैना 14, छिंदवाड़ा 4, बड़वानी 22, बैतूल 1, विदिशा 13, श्योपुर 3, होशंगाबाद 16, खंडवा 33, रायसेन 8, देवास 17, धार 6, सागर 1, शाजापुर 5, मंदसौर 7, रतलाम 12, सतना 2, टीकमगढ़ 1, आगर मालवा 4, अलीराजपुर 1, अन्य राज्य का 1 मरीज।