सीबीआई विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई, सीवीसी रिपोर्ट पर आ सकता है फैसला

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नई दिल्ली। सीबीआई बनाम सीबीआई के विवाद में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है। शीर्ष अदालत सीबीआई के छुट्टी पर भेजे गए डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर सुनवाई कर रही है। आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार की ओर से छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी है। स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर करप्शन के आरोप लगने के बाद वर्मा ने उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया था और छुट्टी पर भेज दिया था। इसके बाद सरकार ने वर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया। उन पर भी करप्शन के आरोप थे, ऐसे में सरकार का कहना था कि स्वतंत्र जांच के लिए दोनों का ही छुट्टी पर जाना जरूरी है।
Apex court hearing on CBI controversy, CVC report may come on the verdict
-सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट ने दिया ग्रीन सिग्नल। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि फैसलों में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। गौरतलब है कि कोर्ट ने वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद नागेश्वर राव के लिए गए फैसलों को सीलबंद लिफाफे में तलब किया था।

-सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को एक झटका दिया है। कोर्ट ने कहा कि उन्हें सीवीसी की रिपोर्ट की कॉपी नहीं दी जाएगा। वर्मा ने कोर्ट से इसकी मांग की थी। इसके साथ ही अस्थाना के वकील को भी कॉपी देने से इनकार। बता दें कि सीवीसी ने सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी।

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई खासा मायने रखेगी। शीर्ष अदालत वर्मा के पक्ष में राय रखती है या फिर सरकार के पक्ष में, इससे ही पूरे मामले की दिशा तय होगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार को जब सीवीसी की रिपोर्ट और वर्मा की याचिका पर सुनवाई करेगी तो कई पहलुओं पर विचार कर सकती है।

शीर्ष अदालत को सोमवार को ही सीलबंद लिफाफे में सीवीसी की जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के 26 अक्टूबर के आदेश पर सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव ने 23 से 26 तारीख के बीच के अपने फैसलों से संबंधित रिपोर्ट अदालत को सौंपी है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर के अपने आदेश में सीवीसी को आदेश दिया था कि वह दो सप्ताह में आलोक वर्मा के खिलाफ अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपे।

कैबिनेट सेक्रटरी की ओर से 24 अगस्त को वर्मा के खिलाफ लिखे गए पत्र में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीवीसी ने पूरी की है। सीवीसी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अभी नहीं हुई है, लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में वर्मा के खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया है।