TIO NEW DELHI
चीन द्वारा की जा रही घुसपैठ की कोशिशों के चलते सीमा पर एक बार फिर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं, सीमा पर तनाव की स्थिति को देखते हुए दोनों देशों के बीच आज फिर सुबह 10 बजे से चुशुल/मोल्डो में ब्रिगेड कमांडर स्तर की बैठक हो रही है। मंगलवार को भी चुशुल/मोल्डो में ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हुई थी। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
गौरतलब है कि लद्दाख में स्थित पेंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी। हालांकि, भारतीय जवानों की मुस्तैदी के चलते चीन की इस नापाक चाल को नाकामयाब कर दिया गया।
भारत ने पैंगोंग सो के दक्षिणी तटीय इलाके में अपनी उपस्थिति और मजबूत की : सूत्र
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में स्थिति की व्यापक समीक्षा की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘लगभग दो घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अपना आक्रामक रुख जारी रखेगी ताकि चीन के किसी भी दुस्साहस से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।’
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अतिरिक्त सैनिकों के साथ ही टैंकों की तैनाती करके पैंगोंग सो के दक्षिणी तटीय क्षेत्र के आसपास अपनी उपस्थिति को और मजबूत किया है। एक सूत्र ने कहा, ‘भारतीय सेना अब पैंगोंग सो के दक्षिण तट के पास की सभी रणनीतिक पर्वत उंचाइयों पर हावी है।’
बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया सहित अन्य शामिल थे।
थल सेना प्रमुख नरवणे ने बैठक में मौजूदा स्थिति, सेना की परिचालन तैयारियों और सर्दियों के महीनों में कर्मियों एवं हथियारों की मौजूदा स्थिति बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीनी पक्ष ने उन बातों की अनदेखी की जिन पर पहले सहमति बनी थी और 29 अगस्त एवं 30 अगस्त की देर रात को उकसावे वाली सैन्य कार्रवाई के जरिए दक्षिणी तटीय इलाकों में यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया।