नई दिल्ली। वह साल 2001 का जून का महीना था और तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। अचानक से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहमा-गहमी बढ़ गई थी क्योंकि अटल अपने दाएं घुटने का आॅपरेशन कराने के लिए यहां पहुंचे थे। अटल के घुटने का आॅपरेशन होना है यह तब मीडिया की सबसे बड़ी खबरों में से एक थी और खबरों के इतर अफवाहें भी खूब उड़ रही थीं।
Atalji, laughing with journalists, write as much as I am ill, not less
आॅपरेशन से ठीक पहले ब्रीच कैंडी अस्पताल में तब अटल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान हंसते हुए कहा था, ‘जितना बीमार हूं उतना ही लिखिए, न कम न ज्यादा।’ आज फिर अटल बीमार हैं और एम्स में ऐडमिट हैं। आधिकारिक रिपोर्ट यूरीन इंफेक्शन की है और पूर्व पीएम की हालत स्थिर बताई जा रही है।
हालांकि उन्हें अस्पताल से छुट्टी कब मिलेगी इसको लेकर अबतक कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है। पर पूरा देश अपने लोकप्रिय नेता के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहा है। पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम बड़े नेता अटल को देखने एम्स जा चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है। आइए आपको बताते हैं कि एक दशक से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन से दूर अटल के लिए स्वास्थ्य कैसे बन गया बाधा…
2009: यह वह साल था जब भारतीय राजनीति के कुछ शानदार नेताओं वक्ताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी की ओजस्वी आवाज फिर दोबारा सुनने को नहीं मिली। इस साल अटल को आघात (स्ट्रोक) लगा था और इसके बाद उन्हें बोलने में समस्या होने लगी थी। तब से लेकर आजतक अटल के शानदार भाषण से देश और लोग वंचित ही रहे।
वैसे तो वाजपेयी को आघात 2009 में आया था लेकिन उससे पहले ही उन्हें डिमेंशिया नाम की बीमारी होने के चर्चे शुरू हो गए थे। डिमेंशिया किसी खास बीमारी का नाम नहीं है बल्कि यह ऐसे लक्षणों को कहते हैं जब इंसान की मेमरी कमजोर हो जाती है और वह अपने रोजमर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पाता। इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद लगातार सार्वजनिक जीवन जीने वाले अटल एक तरह से अकेले पड़ गए।
2014: टाइम्स आॅफ इंडिया में मार्च 2014 में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई। अखबार के रिपोर्टर ने लिखा कि मास्टर ओरेटर (अटल) अब शांत हैं और उन्हें उस पार्टी (बीजेपी) के अंदर की छोटी या बड़ी, किसी तरह की गतिविधि की कोई जानकारी नहीं हो पाती है।
2015: इस साल पूर्व पीएम वाजपेयी की तस्वीर आखिरी बार तब सामने आई जब तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने उनके घर पहुंचे थे। इसके बाद अटल की कोई तस्वीर सामने नहीं आई है।