Australia: जंगल में आग: न्यू साउथ वेल्स में तीसरी बार आपातकाल; ईंधन के लिए गाड़ियों की लंबी कतारें लगीं, ट्रैफिक जाम

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मेलबर्न

दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में भीषण आग लगी है। सरकार ने सीजन में तीसरी बार आपातकाल की घोषणा की है। हजारों लोग घरों से पलायन कर गए हैं और अभी तक तीन दमकलकर्मियों समेत 18 लोगों की मौत हो चुकी है। न्यू साउथ वेल्स और पड़ोसी स्टेट विक्टोरिया में इस हफ्ते 8 लोगों की मौत हो गई। न्यू साउथ वेल्स के प्रमुख ग्लेडिस बेरेजिकलियन ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोगों को तत्काल बचाने में मदद मिलेगी। आपातकाल की वजह से लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है और वाहनों में ईंधन डलवाने के लिए लंबी कतार लगानी पड़ रही है।

मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम से फोन पर बात की
ऑस्ट्रेलिया में जितने इलाके में आग फैली है, वह अगस्त 2019 में अमेजन के जंगलों से दोगुना और कैलिफोर्निया के जंगल में 2018 में लगी आग के क्षेत्रफल का छह गुना है। जलवायु शोधकर्ता जेके हॉसफादर के मुताबिक, 1950 से लेकर अब तक दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया का औसत तापमान 2.7° डिग्री तक बढ़ गया है। आग की घटना से वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ सकती है।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया है। वे 14 से 16 जनवरी तक भारत दौरे पर आने वाले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरिसन से फोन पर बात की और आग लगने की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए संवेदना जाहिर की। मोदी ने कहा- मैं उम्मीद करता हूं कि आने वाले वक्त में ऑस्ट्रेलियाई पीएम सुविधानुसार समय निकालकर भारत दौरे पर आएंगे।

ऑस्ट्रेलिया की आग और इसके असर को सवाल-जवाब में समझें

  1. ऑस्ट्रेलिया के किन क्षेत्रों में आग लगी है?

    जवाब: ऑस्ट्रेलिया में आग सबसे पहले न्यू साउथ वेल्स स्टेट में लगी। राजधानी मेलबर्न और सिडनी इसी स्टेट में समुद्र के किनारे बसे हैं। यहां 70 लाख लोग रहते हैं। बाद में आग न्यू साउथ वेल्स के पड़ोसी स्टेट विक्टोरिया तक पहुंच गई। पिछले हफ्ते तटीय पर्यटक शहर मल्लकूटा के जंगलों में आग लगी थी। इस शहर से लगभग 4000 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था। यहां के वॉलेमी नेशनल पार्क, पोर्ट मैक्यूरी, न्यूकॉस्टल और ब्लूमाउंटेन्स इलाके के जंगलों में सबसे ज्यादा असर हुआ। बचावकर्मियों ने हजारों लोगों को मेलबर्न के निकट बंदरगाह सुरक्षित पहुंचाया। बेघर हुए लोगों को भोजन, पानी, ईंधन और दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं।

  2. ऑस्ट्रेलिया में आग क्यों लगी?

    जवाब: ऑस्ट्रेलिया के जंगलों की आग प्राकृतिक घटना है। लेकिन, इस साल ऑस्ट्रेलिया में सूखा, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची गर्मी और तेज हवाओं के कारण आग ज्यादा फैल गई। मौसम विभाग के मुताबिक, 2017 से ही पूर्वी ऑस्ट्रेलिया सूखे की मार झेल रहा है और नवंबर में बारिश रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई थी। मौसम विभाग द्वारा जारी विशेष रिपोर्ट में कहा गया था कि इस सीजन में गर्मी अधिक बढ़ सकती है, जिससे आग की घटनाएं सबसे ज्यादा बढ़ सकती हैं। सितंबर के महीने से ऑस्ट्रेलिया में गर्मी इसलिए बढ़ जाती है. क्योंकि यह पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है और इस समय सूर्य का दक्षिणायन होना शुरू होता है। ऐसे में सूर्य की रोशनी आस्ट्रेलिया पर सीधी पड़ती है।

  3. आग लगने की घटनाएं कब शुरू हुईं?

    जवाब: सितंबर से ऑस्ट्रेलिया में आग लगने की घटनाएं शुरू हुईं। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सीजन में उत्तरी-पूर्वी न्यू साउथ वेल्स और दक्षिण-पूर्वी क्वींसलैंड में दिन का तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया गया, आर्द्रता सबसे कम है और हवाएं तेज चल रही हैं, जिस कारण आग लगने की स्थिति उत्पन्न होती है। प्रधानमंत्री स्कॉट मैरिसन ने नए साल पर कहा था कि यह आग तब तक लगी रहेगी, जब तक बारिश नहीं हो जाती। मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में यह आग और अधिक भड़क सकती है।

  4. अब तक आग से कितना इलाका खाक हुआ?

    जवाब: जुलाई से अब तक न्यू साउथ वेल्स में 70 लाख एकड़ क्षेत्र जल चुका है। रूरल फायर सर्विस के मुताबिक, देश भर में 1.23 करोड़ एकड़ क्षेत्र आग की भेंट चढ़ चुका है। न्यू साउथ वेल्स में करीब 1400 घर जलकर खाक हो गए। कई जगहों पर आग की लपटें 230 फीट (70 मीटर) तक पहुंचीं। यह सिडनी ओपेरा हाउस की ऊंचाई 213 फीट से भी अधिक है।

  5. आग पर काबू पाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

    जवाब: न्यू साउथ वेल्स रूरल फायर सर्विस विश्व की सबसे बड़ी फायर सर्विस है। इसमें 74 हजार वॉलंटियर काम करते हैं। सरकार ने राहत कार्यों में जुटे वॉलंटियरों की वित्तीय मदद की घोषणा की है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा, “वॉलंटियर्स ने इस काम के लिए वित्तीय मदद नहीं मांगी, लेकिन हम उन्हें समस्या नहीं आने देना चाहते।” आग में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही है।