अयोध्या विवाद: 15 अगस्त तक टला मामला, सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता समिति को दिया तीन महीने का समय

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नई दिल्ली

उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने अयोध्या मामले की सुनवाई की। पांच जजों की पीठ का नेतृत्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने किया जिसमें न्यायमूर्ति एसए बोबडे, एसए नजीर, अशोक भूषण और डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। मध्यस्थता समिति ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जजों को सौंपी।

सकारात्मक समाधान के लिए मध्यस्थता समिति ने अदालत से 15 अगस्त तक का समय मांगा जो उसे मिल गया। अब मामले की अगली सुनवाई 15 अगस्त के बाद होगी।

तीन सदस्यों वाली मध्यस्थता समिति ने अदालत से और समय मांगा ताकि इस मामले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सके। जिसके बाद अदालत ने उन्हें 15 अगस्त तक का समय दे दिया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘हम आपको यह नहीं बताने वाले हैं कि क्या प्रगति हुई है, यह गोपनीय है।’