अयोध्या। मंदिर के नारे, उत्साही लोगों की भीड़ और चारों तरफ खाकी मौजूदगी। अयोध्या में रविवार को तनाव साफ महसूस किया जा सकता था। हालांकि इन सबके बीच वह नजारा भी दिखा, जिसकी बात गाहे-बगाहे होती रही है। उत्साही युवाओं की टोली जब ‘हर घर भगवा छाएगा, राम राज्य फिर आएगा’ जैसे उद्घोष करते हुए रास्तों से गुजर रही थी तो उनका स्वागत करने वालों में मुस्लिम भी थे। जिला पंचायत सदस्य बबलू खान तो अपने साथियों के साथ भक्तों की टोली पर फूल बरसा रहे थे।
Ayodhya: … when people go to the shrine,
हालांकि, विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना की ओर से आयोजित दो कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्या में मुसलमानों को दी गई सुरक्षा उनका डर कम करने में नाकाफी साबित हुई और कई मुसलमान अपना घर छोड़कर चले गए। विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित सैय्यदवाड़ा इलाके में रविवार दोपहर ज्यादातर मुसलमानों के घरों में ताले लगे हुए थे। पूरा इलाका वीरान नजर आया।
पुलिस ने धर्मसभा के लिए पहले से ही तगड़े इंतजाम किए थे। आतंकी अलर्ट के मद्देनजर 700 सिपाही, 42 कंपनी पीएसी, पांच कंपनी आरएएफ और एटीएस जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए थे। इसके अलावा भारी मात्रा में पुलिस अधिकारी भी तैनात थे। डेढ़ सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों के जरिये भीड़ पर नजर रखी जा रही थी। सीमाओं पर बैरिकेड लगाकर चेकिंग हो रही थी। बीजेपी विधायक और कैसर सांसद के बेटे प्रतीक भूषण शरण भी इसकी चपेट में आ गए। माहौल का हवाला देकर पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया।