बदहाल शिक्षा व्यवस्था: एक शिक्षक पढ़ा रहा है दो स्कूलों में, कैसा होगा नौनिहालों का भविष्य

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श्योपुर। वाकई एमपी अजब है .. सबसे गजब है। सरकार शिक्षा को लेकर तमाम दावे और वादे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत ऐसी है, जो किसी को भी सोचने को मजबूर कर दे कि आखिर ऐसी बदहाल शिक्षा-व्यवस्था में नौनिहालों का भविष्य क्या होगा। श्योपुर के स्यावड़ी में भी दो सरकारी स्कूल हैं और दोनों में एक ही शिक्षक सभी कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं और शिक्षा विभाग मामले से बेखबर है।
Bad education system: A teacher is teaching in two schools, how will the future of the mahants
दरअसल श्योपुर जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर की दूर जंगल में बसे स्यावड़ी गांव में बच्चों के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 2 स्कूल चलाए जा रहे हैं। इनमें से एक है शासकीय प्राथमिक विद्यालय स्यावड़ी- ए और शासकीय प्राथमिक विद्यालय स्यावड़ी- बी। लेकिन हैरानी की बात है कि इन दोनों स्कूलों में कोमल सिंह नाम के सिर्फ एक शिक्षक हैं।

इन्हीं पर दोनों स्कूलों की सभी 10 कक्षाओं की पूरी जिम्मेदारी है। बता दें कि दोनों स्कूलों में 5-5 कक्षाएं हैं। कोमल सिंह ही प्रधानाध्यापक हैं, वही शिक्षक हैं, उन्हीं के पास मिड डे मील का भी प्रभार है, तो बीएलओ का चार्ज भी कुछ दिनों पहले तक उन्हीं के पास था। कुछ दिनों पहले ही कलेक्टर ने उन्हें बीएलओ के प्रभार से मुक्त किया है।

शिक्षक कोमल सिंह का कहना है कि पिछले ढाई सालों से ऐसा चल रहा है और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही, क्योंकि अकेले उनसे ये सब संभव नहीं। ऊपर से बच्चों का रजिस्ट्रेशन, उनका आईडी कार्ड बनवाना, खाता खुलवाने जैसे काम भी उन्हीं के हिस्से हैं और वे इतनी जिम्मेदारियों के कारण परेशान हैं। बता दें कि कोमल सिंह की नियुक्ति शासकीय प्राथमिक विद्यालय स्यावड़ी- ए के लिए शिक्षक पद पर हुई थी।

शिक्षक कोमल सिंह पर हेडमास्टर का प्रभार होने के चलते उसे समय-समय पर जानकारी देने के लिए कराहल मुख्यालय भी जाना पड़ता है। स्कूल में बच्चों को दूध पिलाना और कराहल मुख्यालय पर पहुंचकर जानकारी देना एवं सामग्री लेकर आने की जिम्मेदारी भी प्रभारी हेडमास्टर होने के नाते कोमल सिंह पर ही है। इन जिम्मेदारियों के बीच भी कोमल सिंह दोनों स्कूलों को अकेले संचालित कर रहा है। स्कूल में छात्र-छात्राओं की संख्या भी हमेशा 80 प्रतिशत से अधिक रहती है।

इधर हमेशा की तरह शिक्षा विभाग अपनी कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। जब तक विभाग के संज्ञान में कोई बात नहीं लाई जाती, उसे कुछ पता नहीं चलता। सहायक आयुक्त सुनील भदौरिया का कहना है कि इनाडु इंडिया के द्वारा ये मामला उनके संज्ञान में आया है और स्कूल में जल्द ही शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय स्यावड़ी- ए और बी दोनों की बिल्डिंग भी अलग है। इधर ग्रामीण शिक्षक को दोनों स्कूलों के विद्यार्थियों को एक ही स्कूल में जमा भी नहीं होने देते हैं।

एक ही भवन में दोनों विद्यालय संचालित करने का ग्रामीण ये कहकर विरोध करते हैं कि उनके बच्चों को भेड़-बकरियों की तरह कक्षाओं में नहीं ठूंसा जाए। इस वजह से शिक्षक कोमल सिंह बारी-बारी से कभी इस स्कूल में तो कभी उस स्कूल में पहुंचकर पढ़ाई कराते हैं। जनजातीय कार्य विभाग के आला अफसर स्कूल की बदहाली से पूरी तरह बेखबर होने की बात कहकर अब जल्द ही शिक्षकों की तैनाती करने की बात कह रहे हैं।