बजरंगी की हत्या से प्रशासनिक अमले में हड़कंप, 40 हत्याओं का है आरोपी

0
235

मेरठ। उत्तर प्रदेश के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में से एक मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। सोमवार को पेशी से पहले ही फिल्मी अंदाज में बागपत जेल में गोली मारकर मुन्ना बजरंगी की हत्या हो गई। पिछले चार दशक से उत्तर प्रदेश के अपराध जगत में मुन्ना बजरंगी का नाम चर्चा में था। यही नहीं पूर्वांचल के इस चर्चित डॉन ने सियासत में भी हाथ आजमाया लेकिन नाकामी हाथ लगी।
Bajrangi’s assault in administrative staff, 40 killers accused
असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के निवासी मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है। 1967 में जिले के पूरेदयाल गांव में जन्मे मुन्ना बजरंगी ने पांचवीं के बाद पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी। इस दौरान वह धीरे-धीरे जुर्म की दुनिया की ओर मुड़ता चला गया।

17 साल में पहला केस दर्ज
मुन्ना के अपराध की दलदल में फंसने की शुरूआत काफी छोटी उम्र में ही हो गई। 17 साल की उम्र में ही उसके खिलाफ जौनपुर के सुरेही थाने में पुलिस ने मारपीट और अवैध हथियार रखने के आरोप में पहला केस दर्ज किया।

1984 में पहली हत्या
80 के दशक में मुन्ना को जौनपुर के एक स्थानीय माफिया गजराज सिंह का संरक्षण मिल गया। 1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक कारोबारी को मौत के घाट उतार दिया। गजराज के इशारे पर जौनपुर में बीजेपी नेता रामचंद्र सिंह के मर्डर में भी मुन्ना की ही नाम सामने आया। इसके बाद तो हत्याओं का मानो सिलसिला चल पड़ा।