चुनाव से पहले नए दलों की तलाश में जुटी भाजपा, जिताऊ उम्मीदवारों को पार्टी में शामिल करने बना रही योजना

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपने पाले में कुछ नए दलों और चेहरों को लाने की योजना पर काम कर रही है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक बीजेपी तमिलनाडु जैसे राज्यों में नए दलों को साथ लाने और विरोधी पार्टियों के जिताऊ उम्मीदवारों को पार्टी में शामिल करने की योजना बना रही है, ताकि विरोधियों को बढ़त लेने से रोका जा सके।
Before the elections, the BJP, looking for new parties, plans to include the Zaitau candidates in the party
सूत्रों के मुताबिक एसपी और बीएसपी के गठबंधन और प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री के ऐलान के बाद से बीजेपी नेतृत्व का यूपी में अपने दोनों सहयोगी दलों- अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) को लेकर रुख काफी उदार हो गया है। ये दोनों दल बीजेपी से नाराज चल रहे थे और उससे ज्यादा से ज्यादा फायदा निकालने की कोशिश कर रहे थे। इन दोनों पार्टियों का आधार पूर्वी यूपी में है, जहां के लिए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को प्रभारी बनाया है। ऐसे में बीजेपी इन दोनों दलों की मांगें मांगने को राजी हो सकती हैं क्योंकि पूर्वी यूपी में इन पार्टियों के पास अच्छा खासा जनाधार है।

इन पार्टियों की मांगें मानने से बीजेपी इस इलाके में कुर्मी और राजभर समुदाय के वोटों को एनडीए के साथ रखने में कामयाब हो सकती है। हालांकि बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी अनुप्रिया पटेल की माता कृष्णा पटेल और उनकी बहन पल्लवी के साथ भी संपर्क में भी है, जिन्होंने अनुप्रिया से अलग होकर नई पार्टी बनाई है। इस नए गुट ने सोनेलाल पटेल की विरासत में पर दावा किया है और मिजार्पुर और उसके आस-पास इलाके में इस गुट का काफी प्रभाव माना जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि पार्टी पुरानी रणनीति पर चलते हुए विरोधी पार्टियों के वैसे उम्मीदवारों को अपने पाले में लाने की कोशिश करेगी, जिनके जीतने की संभावना है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने ब्रजेश पाठक (बीएसपी), स्वामी प्रसाद मौर्य (बीएसपी), नंदगोपाल नंदी (कांग्रेस), रीता बहुगुणा जोशी (कांग्रेस) समेत कई नेताओं को विपक्षी पार्टियों से तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल किया था और उन्हें टिकट दिया था। ये सभी नेता न सिर्फ चुनाव जीते, बल्कि बीजेपी सरकार में मंत्री भी बने। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्षी पार्टी के करीब तीन दर्जन नेताओं को बीजेपी अपने टिकट पर चुनावी मैदान में उतार सकती है।

पार्टी नए सहयोगी दलों को लेकर भी मंथन कर रही है। बीजेपी के एक सीनियर नेता ने बताया कि एनडीए को मजबूत करने के लिए पार्टी तमिलनाडु में क्षेत्रीय दल के साथ गठबंधन की कोशिश करेगी क्योंकि वहां पार्टी की कोई खास राजनीतिक पकड़ नहीं है। उन्होंने बताया कि पार्टी एआईडीएमके के दोनों गुटों के साथ-साथ कुछ छोटी पार्टियों के साथ भी संपर्क में है। इसके अलावा पार्टी महाराष्ट्र में शिवसेना को मनाने की भी कोशिश कर रही है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही मुख्यमंत्री फड़नवीस नियमित अंतराल पर उद्धव ठाकरे के साथ बातचीत कर रहे हैं।