बेनामी संपत्ति मामले में वाड्रा पर जांच एजेंसियों ने कसा शिकंजा, आज फिर पहुंचे ईडी के दफ्तर

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नई दिल्ली। कांग्रेस के दो नेताओं के संबंधियों से आज ईडी के दफ्तर में पूछताछ हुई। वाड्रा जहां मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में पूछताछ के दूसरे राउंड के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे थे, वहीं पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में पूछताछ के लिए पेश हुए हैं। बुधवार को भी वाड्रा से ईडी ने करीब 6 घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी ने वाड्रा को अब 12 फरवरी को एजेंसी के जयपुर दफ्तर में पेश होने के लिए कहा है। सूत्रों का कहना है कि वाड्रा से ईडी ने उनकी लंदन की प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी मांगी गई। साथ ही संजय भंडारी नाम के कारोबारी से उनके संबंधों को लेकर भी पूछताछ की गई। ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से कुछ ईमेल्स को लेकर भी जानकारी मांगी थी।
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फरार संजय भंडारी की जांच में मिली थी संपत्ति
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वाड्रा से मुख्यतौर पर लंदन स्थित बेनामी संपत्तियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। हथियारों के सौदागर संजय भंडारी के खिलाफ विदेश में छिपाए गए काले धन की जांच के दौरान आयकर विभाग को वाड्रा की इन संपत्तियों का पता चला था। शुरूआती पूछताछ में संजय भंडारी ने लंदन की एक प्रॉपर्टी के वाड्रा से संबंधित होने की बात स्वीकार की थी। लेकिन उसके बाद संजय भंडारी देश से फरार हो गया है। लेकिन, आयकर से मिले दस्तावेजों के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत इसकी जांच शुरूकी थी।

वाड्रा की लंदन में एक दर्जन से ज्यादा संपत्तियां
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वाड्रा की लंदन में एक दर्जन से अधिक बेनामी संपत्ति होने के सबूत मिले हैं। इनके बारे में उनसे सवाल पूछे गए। इनमें एक प्रॉपर्टी लंदन स्थित 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर है। 2010 में सुमित चड्ढा ने किया था वाड्रा को मेल 2010 में लंदन स्थित सुमित चड्ढा ने वाड्रा को मेल कर संपत्ति के नए सिरे से मरम्मत किए जाने की जरूरत बताई। जवाबी ईमेल में वाड्रा की ओर से इजाजत मिलने पर सुमित चड्ढा ने मरम्मत का पूरा प्लान भेजा। इसे वाड्रा ने हरी झंडी दे दी। इसके बाद पैसे की दिक्कत का हवाला देकर सुमित चड्ढा ने पैसे भेजने को कहा।

इसके जवाब में वाड्रा ने मनोज अरोड़ा के मार्फत पैसे की इंतजाम का भरोसा भी दे दिया। इसकी मरम्मत पर लगभग 32 लाख रुपए का खर्च आया। सबसे खास बात यह है कि 2010 में यह संपत्ति संजय भंडारी के नाम थी। सुमित चड्ढा और वाड्रा के बीच ईमेल पर हर बातचीत की कॉपी संजय भंडारी को भी भेजी जा रही थी। वहां से वह आयकर विभाग के हत्थे चढ़ गई। बाद में थंपी को बेच दी गई संपत्ति बताया जाता है कि बाद में इस संपत्ति को दुबई में रहने वाले शिशिर थम्पी को बेच दी गई थी। वाड्रा से इन सारे बिंदुओं पर सवाल पूछे गए।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संजय भंडारी, सुमित चड्ढा और शिशिर थम्पी तो विदेश में हैं, लेकिन मनोज अरोड़ा से कई दौर की पूछताछ की जा चुकी है। ईमेल का नहीं दे पाए जवाब वैसे तो वाड्रा लंदन की संपत्ति और संजय भंडारी से संबंध से इनकार कर रहे हैं। लेकिन ईमेल पर बातचीत पर साफ-साफ जवाब नहीं दे पाए। उनका यही कहना है कि इस ईमेल के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि जिस ईमेल का वे खुद लगातार इस्तेमाल कर रहे थे, उससे किए गए मेल के बारे में उन्हें कैसे जानकारी नहीं है।