नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्सव बैंस को कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने नोटिस जारी किया है। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन और जस्टिस दीपक मिश्रा इस मामले पर कल सुनवाई करेंगे। अदालत ने बैंस को दायर शपथपत्र में दावों को स्पष्ट करने को कहा है। बता दें बैंस ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर दावा किया था कि यह महज साजिश है। उन्होंने कहा था कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगाए गए यौन शोषण के आरोप एक साजिश है, ताकि उन्हें अपने आॅफिस से हटाया जा सके। बैंस का कहना है कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उनसे सीजेआई के खिलाफ प्रेस क्लब आॅफ इंडिया में 1.5 करोड़ रुपये लेने के बदले एक मीडिया कॉन्फ्रेंस आयोजित करने को भी कहा था। ताकि वह घबराकर अपने पद से इस्तीफा दे दें। लेकिन मैंने ये आॅफर ठुकरा दिया। बता दें बैंस ने ये पूरी कहानी एक फेसबुक पोस्ट में कही है।
वकील बैंस का कहना है कि उस शख्स ने आसाराम केस में पीड़िता के पक्ष में किए गए मेरे काम की सराहना की और दावा किया कि वह पीड़िता का रिश्तेदार है। लेकिन ऐसा नहीं लगता। वो एक ट्रेड एजेंट की तरह बात कर रहा था। और ना ही सवालों का संतोषजनक जवाब दे पा रहा था। मैंने जब उससे पूछा की पीड़िता से आपका क्या रिश्ता है? तो वो अचानक मुझसे कहने लगा कि अगर मैं पीड़िता की पैरवी करता हूं, तो इस केस के लिए मुझे 50 लाख रुपये मिलेंगे। बैंस आगे कहते हैं, मैंने उस आदमी को अपने आॅफिस से चले जाने के लिए कहा। फिर जब मैंने दिल्ली के भरोसेमंद सूत्रों से इस मामले की तहकीकात करने को कहा तो पता चला कि सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची जा रही है ताकि वह इस्तीफा दे दें। जब मुझे अपने विश्वसनीय सूत्रों से इस बारे में यकीन हुआ तो मैं मुख्य न्यायाधीश के आवास पर उन्हें सचेत करने गया लेकिन वो घर पर मौजूद नहीं थे। बैंस का कहना है कि मेरे सीडीआर टॉवर लोकेशन से इस बारे में ब्यौरा जुटाया जा सकता है। मेरे साथ जो हुआ उसमें मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी। और फैसला लिया कि इस साजिश को सबके सामने लाना चाहिए।