भैय्यू महाराज : सपनों सी जिंदगी का इस तरह टूटकर बिखरना….

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ब्रजेश राजपूत की ग्राउंड रिपोर्ट

सोचा तो था इस शनिवार को अपना जन्मदिन है तो बजाय छुट्टी लेने के दोपहर में कोई छोटी मोटी खबर कर शाम को दोस्तों के साथ केक शेक खाते पीते और रात को बुलबुल बेटू के मनपसंद रेस्तरां में खाना खाते मगर शुक्रवार की रात तक सब बदल गया। इंदौर के चर्चित गुरू भैय्यू जी महाराज आत्महत्या के केस में नया खुलासा हो गया था और अगले दिन सुबह नौ बजे के बुलेटिन में लाइव चैट की तैयारी तय कर ली गयी। न्यूज चैनल की तैयारी में रिपोर्टर बहुत छोटा हिस्सा होता है, सारा कुछ तय करते हैं प्रोड्यूसर और उस शिफ्ट का इंचार्ज जिसे बुलेटिन तैयार करना है।और उस तय बुलेटिन में रिपोर्टर को तो बस अपना रोल निभाना होता है वो रोल तीस सेकेंड से लेकर तीन मिनिट तक का हो सकता है। और हमको हमारी भूमिका समझा दी गयी थी कि इंदौर से सुबह के बुलेटिन में चैट होना है आप तैयारी कर लीजिये कैसे पहुंचेंगे । अब सब रिपोर्टर को तय करना है कब और कैसे निकले।
Bhaayyu Maharaj: Shattering the life of dreams in such a way …
हमने तय किया कि रात की जगह सुबह तडके निकल कर इंदौर पहुंचकर लाइव चैट दिया जाये। सुबह जाने की तैयारी रात में ही कर ली गयी, गाडी ड्राईवर के साथ ही यूनिट को भी अलर्ट कर दिया गया कि सुबह जल्दी निकलना है और सुबह पांच बजे जब अधिकतर लोग गहरी नींद में सो रहे थे तब हम और हमारे कैमरामेन होमेन्द्र इंदौर की ओर रवाना हो चुके थे।तय समय पर हम इंदौर में डीआईजी दफ्तर पहुंचे और लाइव चैट दी। मजे की बात ये है कि पुलिस दोपहर में इस मामले में खुलासा करने जा रही है पर हम पत्रकार ये जानकारियां सुबह ही बांट चुके होते हैं।

मगर आज की ग्राउंड रिपोर्ट का विषय हम रिपोर्टर की सुबह शाम रात की भागादौडी जरा भी नहीं है, हमने अपनी मर्जी से ये प्रोफेशन चुना है तो ये यह सब हमें आनंद देता है। बात हम उस उदय सिंह देशमुख उर्फ भैय्यू जी महाराज की करने जा रहे हैं जिसकी तेज रफ्तार सपनों सी उडती जिंदगी का अंत पचास साल की उमर में ही हो गया। भैय्यू जी महाराज इंदौर में कम दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में ज्यादा चर्चित हस्ती थे।वो अपने आपको राष्ट्र संत उदयसिंह भैय्यूजी महाराज लिखते थे। उनसे मेरी तीन चार मुलाकातें खबरें बनाने के दौरान हुयी मगर कभी इन मुलाकातों में मुझे वो कभी संत नहीं लगे हां उनका सुदर्शन व्यक्तित्व मिलने वाले को आकर्षित करता है फिर उस पर उनका खास अंदाज में अति विनम्र होकर बातें करना सोचने को मजबूर करता था कि कुछ बात तो है इस शख्स में जो इसके पास नेता अभिनेता और गायिकाएं आतीं है मिलने।

शिवराज सिंह की सरकार ने जब बाबाओं को मंत्री बनाया था तो उसमें कंपयूटर बाबा के साथ भैय्यू जी का भी नाम था और शिवराज की मंत्री पद की पेशकश उन्होंने इसीलिये ठुकरा दी थी कि सारा धान बाइस रूपये पसेरी गिनोगे तो हम साथ नहीं देंगे। मगर दृढ इच्छाशक्ति के इस आदमी ने पिछले साल १२ जून को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी तो मुझे अपनी प्रस्तावित छुट्टियों में कटौती कर भोपाल से इंदौर भाग कर आना पडा था। आज सात महीने बाद फिर आया हूं तो भैय्यू जी महाराज के करीबियों के रोल बदल गये हैं। वो विनायक जिसे मरने वाला शख्स अपना सबसे भरोसे का आदमी बताकर गया था वो अब आत्महत्या के लिये उकसाने, साजिश रचने और वसूली का आरोपी है और उसके खिलाफ पुलिस ने सबूत इकट्ठे कर जेल कर भेज दिया है।

वो पलक जिसे भैय्यू जी सबके सामने बेटी बताते थे और जो उनके घर में दो ढाई साल पहले उनकी पत्नी की मौत के बाद बेटी कुहू की देखभाल के लिये आयी थी वो भी विनायक और शरद की सहयोगी के रूप में गिरफ्तार हो गयी है। डीआईजी हरिनारायणचारी बताते है कि पलक महाराज से शादी करना चाहती थी मगर दिलफेंक भैय्यू जी ४९ वें साल में पलक की जगह डाक्टर आयुषी से अप्रेल २०१७ में शादी कर बैठे तब पलक ने उनको १६ जून २०१८ तक शादी करने की धमकी दी थी। इन्हीं तारीख में शनि महाराज उरफ दाती महाराज महिला शोषण केस में गिरफ्तार हो गये। भैय्यू जी, दाती महाराज के परिचित थे ऐसे में उनको पलक की धमकियां भारी लगने लगीं और उनकी खुदकुशी का एक कारण ये भी रहा।

पलक के फोन में महाराज का नंबर एजी और आहो के नाम से सेव है वो उनको पति ही मानती थी तो विनायक और शरद पलक के बहाने महाराज से पैसे ऐंठ रहे थे। पलक ने एक बार विनायक को चैट के दौरान पूछा भी क्या अपना प्लान फेल तो नहीं हो जायेगा मगर ये सारे साजिशकर्ता भूल गये कि घर पर पत्नी बेटी के झगडे, ट्रस्ट को लेकर हो रही आर्थिक परेशानियां और सोलह जून की करीब आती तारीख ने भैय्यू जी को अपनी कनपटी पर गोली मारने पर मजबूर कर दिया और एक सपने सी जिंदगी टूटकर बिखर गयी।
एबीपी न्यूज, भोपाल