नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल एक नई फाइबर कंपनी बना रही है और उसने अभय सावरगांवकर को इसका चीफ एग्जिक्यूटिव आॅफिसर नियुक्त किया है। एनालिस्ट्स का कहना है कि यह फाइबर कंपनी मोबाइल फोन आॅपरेटर क्लाइंट्स को महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर लीज पर देने का बिजनस करेगी।
Bharti Airtel will create new fiber company with targets for business growth
सुनील मित्तल की भारती एयरटेल ने ईटी को ईमेल से दिए जवाब में सावरगांवकर की नई भूमिका की पुष्टि की। सावरगांवकर इससे पहले कंपनी के डायरेक्टर (नेटवर्क्स) थे, जो चीफ टेक्नॉलजी आॅफिसर के समान पद है। वह कंपनी के सीईओ (इंडिया, साउथ एशिया) गोपाल विट्ठल को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे। विट्ठल की ओर से कंपनी में जारी एक कम्युनिकेशन में कहा गया था, ‘हाल के वर्षों में डेटा की खपत में बड़ी ग्रोथ को देखते हुए हमारा मानना है कि फाइबर की बढ़ती जरूरत को पूरा करने वाली एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी महत्वपूर्ण है।’
भारती एयरटेल अपने आॅप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क को 100 पर्सेंट मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी, टेलीसोनिक नेटवर्क्स लिमिटेड में ट्रांसफर करने के अंतिम चरण में है। यह कंपनी 2,46,000 किलोमीटर आॅप्टिक फाइबर चलाती है। बढ़ती डेटा ग्रोथ की जरूरत पूरी करने के लिए यह अपना विस्तार कर रही है। एक सूत्र ने बताया, ‘टेलीसोनिक से फाइबर ऐसेट्स को बाद में नई सब्सिडियरी में ट्रांसफर किया जा सकता है।’
फिच रेटिंग्स के डायरेक्टर (एशियन कॉरपोरेट्स), नितिन सोनी ने कहा कि भारती एयरटेल के लिए फाइबर के लिए एक अलग कंपनी रखना बेहतर होगा। एयरटेल ने इससे पहले एक टेलिकॉम टावर जॉइंट वेंचर इंडस टावर्स बनाया था। इसमें वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर पार्टनर के तौर पर शामिल थे। सोनी का कहना है, ‘टावर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कैपिटल एक्सपेंडिचर पर डुप्लिकेशन का कोई मतलब नहीं है। भारत उन देशों में शामिल है जहां प्राइस को लेकर प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है और इसी वजह से टेलीकॉम कंपनियां इंडिपेंडेंट फर्में बनाने के फैसले कर रही हैं।’
लेकिन एक इंडिपेंडेंट कंपनी बनाने के लिए एयरटेल को मेजॉरिटी स्टेक बेचना होगा। ऐसा करने पर ही अन्य कंपनियां इसका क्लाइंट बनने में दिलचस्पी लेंगी। एयरटेल अपने नेटवर्क्स डिपार्टमेंट के हेड के तौर पर रणदीप सिंह सेखों को ला रहा है। वह सावरगांवकर की जगह लेंगे और कंपनी के भारत और साउथ एशिया के बिजनस के चीफ टेक्नोलॉजी आॅफिसर होंगे। सेखों भी विट्ठल को रिपोर्ट करेंगे। वह इससे पहले मलेशिया और इंडोनेशिया में टेलिकॉम कंपनियों के साथ सीनियर लेवल पर रहे हैं। एयरटेल में आने से पहले वह हचिसन 3 इंडोनेशिया के सीईओ थे।