- नशे के सौदागरों का नेटवर्क आंध्रप्रदेश, नेपाल, बिहार के अलावा राजस्थान, मंदसौर के बड़े स्मगलरों से जुड़ा हुआ
TIO भोपाल
आधी रात को इतवारा-बुधवारा में दबिश देकर पुलिस ने बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ बरामद किया है। लेकिन नशे का कारोबार शहर के कई इलाकों में अपनी जड़ें जमा चुका है। नशे के सौदागरों का नेटवर्क आंध्रप्रदेश, नेपाल, बिहार के अलावा राजस्थान, मंदसौर के बड़े स्मगलरों से जुड़ा हुआ है। शहर की कई बस्तियों में गांजा ‘दम’,’बूटी-सूटी’ के कोड वर्ड से 50 रुपए की पुड़िया में और ब्राउन शुगर(स्मैक) की खुराक 100 रुपए में ‘टिकट’ के कोड वर्ड से मिल जाती है।
मादक पदार्थ विशेष तहखानों में छिपा कर रखे जाते हैं। सौदागरों के कोरियर शहर के किसी भी स्थान पर खुराक पहुंचाने का भी काम करते हैं।
बुधवार-गुरुवार की रात में मादक पदार्थ के सौदागरों पर हुई प्रभावी कार्रवाई से नशा बेचने और नशे के आदी लोगों में हड़कंप मच गया है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस कार्रवाई के कारण कई नशे के सौदागर भूमिगत हो गए हैं। शहर में नशे का नेटवर्क आसपास के राज्यों से जुड़ा है। विशेषकर युवाओं में गांजे की लत बढ़ने के कारण शहर में गांजे की खपत काफी बढ़ गई है।
गांजा आंध्रप्रदेश और बिहार से ट्रेन के जरिए लाया जाता
बताया जाता है कि राजधानी में गांजा आंध्रप्रदेश और बिहार से ट्रेन के जरिए लाया जाता है। इसके अलावा नेपाल का माल उप्र के रास्ते ट्रेन से आता है। इसके अतिरिक्त सतना-रीवा क्षेत्र के गांजे की खेप ट्रेन रूट से जबलपुर के रास्ते आती है। इसके अतिरिक्त ब्राउन शुगर सोहागपुर,पिपरिया क्षेत्र से ट्रेन रूट से राजधानी में आती है।
नशे के सौदागर बिना जान पहचान के किसी को भी ‘पुड़िया’नहीं थमाते। इसके लिए उनके भरोसेमंद बिचौलिए होते है,जो तलबगार को भांपकर झांसे में लेते हैं। इसके बाद बिना ‘ठिया'(अड्डा) बताए रुपए लेकर माल उपलब्ध करा देते हैं। मादक पदार्थ को खुफिया तहखाने में छिपा कर रखा जाता है। समय-समय पर मादक पदार्थ रखने का स्थान भी बदल दिया जाता है। इतवारा में छापे के दौरान पुलिस के मकान के फर्श पर बिछी चटाई हटाई तो करीब 2 फीट गहरा गड्ढा नजर आया। उसमें से मादक पदार्थ बरामद किया गया।