बिहार: भाजपा और जेडीयू की डील से एनडीए के दूसरे सहयोगियों पर पड़ा असर, उपेन्द्र कुशवाहा मिले तेजस्वी से

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पटना। बिहार का सियासी पारा शुक्रवार को अचानक तब चढ़ गया जब 2019 के चुनावों के लिए बीजेपी और जेडीयू ने 50-50 डील का ऐलान किया। सीएम नीतीश कुमार और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात के बाद हुई इस घोषणा ने बिहार में एनडीए के दूसरे सहयोगियों पर तुरंत असर डाला।
Bihar: BJP and JDU deal impact on NDA’s other allies, Upendra Kushwaha meets with stunning
एनडीए की एक सहयोगी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने बिल्कुल भी देर नहीं करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी संग चाय पर बैठकी कर एक बड़ा संकेत दे डाला। दरअसल एनडीए में बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे का फॉम्युर्ला अभी तय नहीं हो पाया है। इस बीच दिल्ली नीतीश और शाह ने बराबर सीटों पर लड़ने का ऐलान भी कर दिया है।

ऐसे में रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भला कैसे पीछे रहती। इस ऐलान के बाद जमुई से सांसद और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने तेजस्वी के साथ फोन पर 10 मिनट बात की। हालांकि कुशवाहा ने बाद में सफाई देते हुए इसे महज एक मुलाकात करार दिया। वहीं तेजस्वी के करीबी आरजेडी के एक नेता ने चिराग के फोन कॉल की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं कि क्या बात हुई। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि जो कुछ भी रहा, सकारात्मक रहा।

हालांकि चिराग पासवान ने भी दावा किया है कि एलजेपी एनडीए के साथ ही रहेगी। चिराग ने कहा कि हम एक साथ काम करेंगे और हमें उम्मीद है कि चुनाव लड़ने के लिए सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। हालांकि इस मुद्दे पर एलजेपी बिहार चीफ पशुपति कुमार पारस ज्यादा स्पष्ट बात करते नजर आए। उन्होंने कहा कि 2014 लोकसभा चुनावों में एलजेपी जिन 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, उसे वही सीटें चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे कम पर समझौता होने की संभावना नहीं है।

उन्होंने तो यूपी और झारखंड में भी कुछ सीटों की मांग कर दी है। उधर, उपेंद्र कुशवाहा लगातार खीर आॅप्शन (यादवों का दूध और कुशवाहा का चावल) का संकेत देते दिख रहे हैं। तेजस्वी से उनकी मुलाकात को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। कुशवाहा ने नीतीश-शाह की डील पर कहा कि जहां तक 50-50 सीट शेयरिंग की बात है तो अभी सटीक संख्या की घोषणा बाकी है। उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन दिनों में अंतिम फैसले की संभावना दिख रही है।

अगर आरएलएसपी को इच्छा के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं तो क्या कुशवाहा आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे? इस सवाल पर आरएलएसपी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता माधव आनंद ने कहा कि हमें 50-50 डील के साथ कोई समस्या नहीं है लेकिन अमित शाह ने यह भी कहा है कि एनडीए के सभी सहयोगियों को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी।