पटना। बिहार में चंपारण सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में बिहार सरकार की तरफ से चलाए गए कार्यक्रम का समापन करने पीएम मोदी मोतिहारी पहुंचे और सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम के तहत लोगों से स्वच्छता को अपने जीवन में उतारने की अपील की। साथ ही पीएम ने बिहार में चल रहे स्वच्छता मिशन की भी सराहना की।
पीएम मोदी ने खूब की बिहार की तारीफ
वहीं पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान से देश में महिलाओं की जिंदगी में आये बदलाव का जिक्र किया और साथ ही एक शौचालय बनने के मायने भी बताए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने बिहार वासियों की इच्छाशक्ति की भी तारीफ की। पीएम ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में बिहार में 8 लाख 50 हजार से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया गया है। ये गति और प्रगति कम नहीं है। मैं बिहार के लोगों को, प्रत्येक स्वच्छाग्रही को और राज्य सरकार को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
जमीनी हकीकत है कुछ और….
लेकिन जमीनी हकीकत की बात करें तो आज भी बिहार के गांवों में शौच के लिए महिलाओं का खेत में जाना आम बात है। शौच आने पर रात के अंधेरे का इंतजार करना और सुबह की पहली किरण के फूटने से पहले अपनी नित्य क्रिया कर्म से निवृत होना उन दुल्हनों के लिए कष्टकारक होता है जो घूंघट में रात के अंधेरे में शौच के लिए अपनी बड़ी बुजर्ु्ग के साथ चलने का इंतजार करती हैं। रात में सड़क के किनारे या खेतों की आड़ पर एक लाइन से शौच के लिए बैठीं महिलाएं घूंघट ओढ़कर बैठी रहती हैं, खासकर कोई बड़ी गाड़ी की लाइट उनपर पड़ती है तो या तो वो उठकर खड़ी हो जाती हैं या मुंह ढ़ंककर बैठी ही रहती हैं। ये किसी भी विकसित समाज के लिए कितने शर्म की बात है।
ये तो हो गई बहुओं की बातें, लेकिन अगर हम बेटियों की बात करें तो आए दिन शौच के लिए खेत में गईं बच्चियों के साथ दुष्कर्म और उसके बाद उनकी हत्या कर दी जाती है। आए दिन होने वाली ये घटनाएं बिहार में घर में शौचालय नहीं होने की वजह से हो रही हैं। यदि सोचकर देखें तो लगता है कि दिन के 14-15 घंटे बिना शौचालय की सुविधा के रहना कितना तकलीफदेह हो सकता है। मधुबनी जिले के कमलपुर गांव की रहने वाली राजो देवी ने बताया कि हम तो शौच के लिए खेत में या सड़क के किनारे चले जाते थे, लेकिन बहुओं को ऐसा करते देखना अच्छा नहीं लगता है।