नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही कई राज्यों में गठबंधन का फैसला बहुत मुश्किल होता जा रहा है। सहयोगी दल 2019 आम चुनावों को 2014 के अंदाज में लेने के लिए तैयार नहीं हैं और ऐसे हालात में दोनों पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के लिए सबको साथ लेकर चलना आसान नहीं होगा। 2019 लोकसभा चुनावों के साथ राज्यों के चुनाव में भी बीजेपी-कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं।
BJP-Congress challenge can be challenged in 2019, allies will not have to go
बिहार में पहले जैसे हालात नहीं
बिहार में बीजेपी और जेडीयू 50:50 पार्टनरशिप पर चुनाव लड़ने जा रही हैं। 2014 में बिहार की स्थिति पूरी तरह से अलग थी। एनडीए के अन्य सहयोगियों को कितनी सीटें मिलेंगी, इसको लेकर अगले सप्ताह घोषणा हो सकती है। 2014 में बीजेपी ने 22 सीटों पर जीत हासिल की थी और सहयोगियों को 9 सीटें मिली थीं। उस वक्त जेडीयू सिर्फ 2 सीट जीतने में ही कामयाब रही।
महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस की चुनौती
नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि कांग्रेस के साथ मिलकर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। 48 में से 40 सीट पर बंटवारे को लेकर सहमति बनने की बात एनसीपी चीफ ने की थी। एनसीपी भी कांग्रेस से महाराष्ट्र में समान सीट बंटवारे की मांग कर रही है। 2014 में एनसीपी को 4 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस पार्टी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की थी।
छत्तीसगढ़ में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला
छत्तीसगढ़ में अब तक बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला रहा है। इस बार वहां विधानसभा चुनावों में मुकाबल त्रिकोणीय होने जा रहा है। अजीत जोगी की कांग्रेस, बीएसपी, सीपीआई का गठबंधन तीसरी पार्टी के तौर पर हुआ है। यह क्षेत्रीय गठजोड़ 2019 लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता के लिहाज से महत्वपूर्ण है। कांग्रेस बार-बार विपक्षी एकता की बात कर रही है और ऐसे वक्त में बीएसपी सुप्रीमो सम्मनाजनक सीट बंटवारे की बात मजबूती से कर रही हैं। इस लिहाज से कांग्रेस के लिए विपक्षी एकता के लिए सबको मनाना इतना आसान नहीं होगा।
विपक्षी गठजोड़ के लिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी
विपक्ष के सभी प्रमुख दल खुलकर बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होने की बात करते रहे हैं। हालांकि, 2019 चुनावों से पहले एक संयुक्त विपक्ष बन सकेगा, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी ही होगी। हालांकि, विपक्षी दलों की बैठक के बाद नए फॉम्युर्ले के साथ बीजेपी को हराने के कॉमन वादे की बात होती रहती है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार लगातार राज्यों की स्थिति के अनुसार गठबंधन का फॉम्युर्ला दे रहे हैं। पवार का कहना है कि राज्यों में पार्टी की स्थिति के आधार पर गठबंधन के पार्टनर तय हों। तमिलनाडु में डीएमके, गुजरात-कर्नाटक में कांग्रेस तो यूपी में एसपी-बीएसपी प्रमुख चेहरा हो सकते हैं।