सत्ता विरोधी लहर को थामने भाजपा ने बदले 60 चेहरे, 170 प्रत्याशियों के नाम किए तय

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भोपाल। प्रदेश में सत्ता विरोधी लहर को थामने के लिए भाजपा ने अब तक लगभग 60 चेहरे बदल दिए हैं। इनमें से ज्यादातर विधायक हैं या पिछले चुनाव में हार गए थे। पार्टी के दिग्गज नेताओं ने लगातार तीसरे दिन दो दौर में प्रत्याशी चयन की कवायद जारी रखी, जिसमें 170 सीटों पर प्रत्याशी तय कर लिए गए हैं।
BJP has changed 60 faces, 170 nominees decided to hold anti-incumbency wave
बची हुई 60 सीटों पर कुछ अलग-अलग समीकरणों के चलते नाम तय नहीं हो पाए हैं। इन सीटों पर गुरुवार को फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के घर पर बैठक होगी, जिसमें जीत की संभावना वाले प्रत्याशियों कि नाम विचार होगा। इधर, दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में भी टिकट के दावेदारों का दबाव बढ़ गया है। लगभग डेढ़ सौ दावेदारों से प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने मुख्यालय में मुलाकात की।

एससी-एसटी सीटों पर ज्यादा बदलाव
पार्टी नेताओं ने जिन सीट पर टिकट फाइनल किए हैं, उनमें से एससी-एसटी सीट ऐसी हैं जहां बहुत ज्यादा संख्या में नए चेहरे मैदान में उतारने की योजना पार्टी ने बनाई है। मात्र धार जिले का ही उदाहरण लें तो सरदारपुर से बेलसिंह भूरिया की जगह पूर्व विधायक मुकाम सिंह निगवाल को टिकट देने पर सहमति बनी है।

वहीं की जोबट सीट से माधव सिंह डाबोर की जगह युवा चेहरा मुकामचंद डावर को प्रत्याशी बनाया है। पिछले चुनाव में डावर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और 29 हजार वोट लिए थे। रतलाम जिले में भी आदिवासी सीट सैलाना और रतलाम ग्रामीण में भी नए चेहरे दिए जा रहे हैं।

गुजरात गए थे शाह
बुधवार को भाजपाध्यक्ष शाह गुजरात में ‘स्टेचू आॅफ यूनिटी” के उदघाटन कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, जिसके चलते राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल के घर पर बैठक हुई। गुरुवार को सुबह फिर शाह के साथ बची सीटों पर चर्चा होगी। शाम को संसदीय बोर्ड की बैठक में अब तक चुने 170 नामों पर मुहर लग सकती है। माना जा रहा है कि पार्टी सभी 170 या कम से कम 100 सीटों के प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, धर्मेंद्र प्रधान और डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे राकेश सिंह, सुहास भगत मौजूद थे।

कृष्णा गौर पर सहमत
पार्टी सूत्रों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की गोविंदपुरा सीट पर पूर्व महापौर कृष्णा गौर के नाम पर लगभग सभी दिग्गज सहमत हो गए हैं। 88 साल के गौर अब तक दस चुनाव जीतकर रिकार्ड बना चुके हैं। उम्रदराज होने के कारण गौर सहित कई नेताओं की सीट पर नए चेहरे उतारे जा रहे हैं।

बची हुई सीटों पर मंथन आज
जिन 60 सीटों पर अब तक प्रत्याशी चयन नहीं हो पाया है। कांग्रेस की उन परम्परागत सीटों को लेकर गुरुवार को रणनीति तय की जाएगी। भाजपा की कोशिश है कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह, केपी सिंह, गोविंद सिंह, रामनिवास रावत, आरिफ अकील जैसे कद्दावर नेताओं के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी खड़े किए जाएं। इसके अलावा कुछ सीटों पर मंत्रियों को बदलने सहित जातिगत समीकरण और बाहरी दलों से आए नेताओं के मामले में फैसला होना है।