कर्नाटक में भाजपा सत्ता वापसी का देख रही ख्वाब, येदियुरप्पा यज्ञ के सहारे करेंगे सत्ता में वापसी

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बेंगलुरु। इसे अंधविश्वास कहिए या सच्ची भावना, लेकिन धार्मिक रीति-रिवाज भारतीय राजनीति से कभी दूर नहीं हो सकते, खासकर बात अगर कर्नाटक की हो। भले की यहां में बीजेपी सरकार बनाने से आखिरी वक्त में चूक गई हो, लेकिन वर्तमान में राज्य में चल रही उठापटक को देखते हुए बीजेपी और इसके नेता एक बार फिर सत्ता वापसी के ख्वाब बुनने लगे हैं। इसी के चलते कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा इन दिनों यज्ञ का आयोजन कर रहे हैं। उनका मानना है कि इसके जरिए जल्द ही राज्य में उनकी सरकार बनेगी।
BJP in Karnataka, Khwab looking back on power, will support Yeddyurappa Yagya Return to power
येदियुरप्पा अपने बेटे बीवाई राघवेंद्र और बीवाई विजयेंद्र के साथ मिलकर एक गुप्त यज्ञ- महारुद्र यज्ञ कर रहे हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो इस यज्ञ का मतलब दुनिया में अपनी स्थिति को ‘मजबूत’ करने के लिए होता है, लेकिन बीजेपी येदियुरप्पा को सत्ता में लाने के लिए अनुष्ठान पर जोर देती दिख रही है।

सत्ता में वापसी का पूरा यकीन
बीजेपी ने एक कार्यकर्ता ने येदियुरप्पा के इस धार्मिक कर्मकांड के पीछे एकमात्र वजह सत्ता वापसी बताई है। उन्होंने कहा, ‘येदियुरप्पा और उनके समर्थकों को यकीन है कि महारुद्र यज्ञ से गठबंधन की सरकार गिरेगी और इससे उनकी स्थिति मजबूत होगी जो सत्ता में वापसी के लिए मदद करेगी।’

सूत्रों के मुताबिक, येदियुरप्पा ने शुरूआत के दो दिन बंद दरवाजों के पीछे यज्ञ किया। इसके बाद उदुपी जिले के कौप तालुक में कुठयार ग्राम पंचायत स्थित एक मठ में यज्ञ किया। सूत्रों के मुताबिक, दो दिन के अंदर यज्ञ संपन्न होगा। यह दिन 27 जुलाई भी हो सकता है जिस पर पूर्ण चंद्रग्रहण है।

देवगौड़ा ने जनवरी में किया था यज्ञ
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक में एक जनधारणा है कि पूर्ण चंद्रग्रहण सत्ता में बैठे लोगों के लिए अपशकुन लाता है। एक अन्य पार्टी सदस्य ने कहा, ‘येदियुरप्पा इसी बात को दिमाग में रखते हुए यज्ञ कर रहे हैं। वह इसे उनके कुछ ही महीनों में सत्ता में लौटने का संकेत मान रहे हैं।’ बता दें कि इसी साल जनवरी में जेडी (एस) अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा ने भी अति रुद्र महायज्ञ किया था, जिसे उनका परिवार कुमारस्वामी को सीएम पद मिलने की बड़ी वजहों में से एक मानता है।