जम्मू। जम्मू संभाग के कठुआ के रसाना गांव में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में लगातार राजनीतिक हमलों का सामना कर रही प्रदेश भाजपा ने मंगलवार रात को अपने सभी मंत्रियों का इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया है। हालांकि, भाजपा का यह कदम मंत्रिमंडल में नए चेहरे लाने के लिए बताया जा रहा है, मगर पार्टी ने इससे मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को यह संदेश जरूर दिया है कि वह कठुआ मामले में जांच को लेकर उसके रुख से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। हालांकि राज्य में गठबंधन को फिलहाल कोई खतरा नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने यह कदम हाई कमान के निर्देश पर जम्मू दौरे पर आए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ हुए विचार-विमर्श के बाद उठाया है। माना जा रहा है कि 20 अप्रैल को मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही भाजपा के दो मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और चंद्रप्रकाश गंगा ने इस्तीफे दिए थे। भाजपा को लग रहा था कि कठुआ मामले की आग में उसके हाथ ही जल रहे हैं और इससे उसका जनाधार सिकुड़ रहा है।
पीडीपी को बैकफुट पर भेजा
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) कठुआ मामले में भाजपा पर हमलावर थी, मगर अब भाजपा ने अपने मंत्रियों के त्यागपत्र लेकर पीडीपी को बैकफुट पर ला खड़ा किया है। इससे भाजपा ने यह भी संकेत दिया है कि वह कठुआ मामले पर पीडीपी के रुख के साथ आतंकवाद से निपटने पर भी महबूबा मुफ्ती के रवैये से सहमत नहीं है। भाजपा अपने जनाधार को किसी भी कीमत पर कम नहीं होने देना चाहती है।
इस बीच, कठुआ मामले में इस्तीफा देने वाले भाजपा के दो कैबिनेट मंत्रियों के विभागों का अतिरिक्त प्रभार उपमुख्यमंत्री डॉ। निर्मल सिंह संभालेंगे। राज्यपाल एनएन वोहरा की ओर से वनमंत्री चौधरी लाल सिंह व उद्योगमंत्री चंद्र प्रकाश का इस्तीफा स्वीकार करने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इन दोनों विभागों का अतिरिक्त प्रभार डॉ। निर्मल सिंह को सौंपने का आदेश जारी कर दिया।
कठुआ दुष्कर्म और हत्या मामले में विवाद के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले भाजपा नेता चौधरी लाल सिह खुलकर लोगों के बीच आ गए हैं। मंगलवार को उन्होंने जम्मू से कठुआ तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोड शो कर इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने के लिए जनसमर्थन जुटाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सीबीआइ जांच होकर रहेगी, बस जम्मू के लोग एकजुट हो जाएं।
उधर, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ। जितेंद्र सिंह ने जम्मू में कहा कि अगर राज्य सरकार मामले की सीबीआइ जांच के लिए सिफारिश करती है तो केंद्र सरकार को इससे कोई ऐतराज नहीं होगा। इस बीच मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर आरोपितों के समर्थकों का आमरण अनशन जारी है। मंगलवार शाम करीब चार बजे कठुआ स्थित हाईवे पर कालीबड़ी के नजदीक लाल सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मामले की जांच सीबीआइ से कराना बेहद जरूरी है।
इससे एक तो बच्ची को इंसाफ मिलेगा, दूसरा जम्मू के डोगरों को बदनाम करने की जो कश्मीर केंद्रित राजनीतिक साजिश चल रही है, उसका पदार्फाश होगा। इसके लिए हम सबको अब एकजुट होना होगा। अगर मामले की जांच सीबीआइ से नहीं होती है तो अलगाववादी ताकतों को शह मिलेगी। बच्ची को इंसाफ नहीं मिलेगा। आज लोग पीएमओ को भी मामले की सीबीआइ जांच करवाने के लिए अपनी राय दे रहे हैं।
मामले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर मंगलवार को 18वें दिन भी कठुआ जिले की हीरानगर तहसील के कूटा क्षेत्र में महिलाओं का आमरण अनशन जारी रहा। इनके साथ आरोपित सांझी राम की बेटी मधु भी अन्य महिलाओं के साथ डटी रही। आमरण अनशन पर बैठी तोषी देवी, त्रिशला शर्मा और हिदू एकता मंच के सदस्यों ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद रखी है।